डीएनए हिंदीः देव उठनी एकादशी के बाद से ही सारे शुभ कार्य शुरू होते हैं और अगले दिन तुलसी विवाह होता है लेकिन इस बार आम लोगों को विवाह के मुहूर्त खुलने का इंतजार करना होगा. ऐसा एक खास कारण से हो रहा है.
बता दें कि शुक्र के अस्त होने के कारण ही विवाह के मुहूर्त नहीं खुल रहे हैं. अबकी बार देवउठनी एकादशी पर शुक्र रहेंगे अस्त होने से ऐसा हो रहा है. कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी यानी देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा का त्याग करते हैं और इसी दिन से विवाह के शुभ मुहूर्त के शुभ मुहूर्त शुरू होता लेकिन इस बार ये शुभ मुहूर्त 16 दिन बाद यानी 21 नवंबर से होगा.
बता दें कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है, जिससे कार्यों में किसी भी तरह का कोई विघ्न न आए. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके बाद सभी शुभ व मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन योग निद्रा का त्याग करते हैं और विवाह आदि शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.
इस बार देवउठनी एकादशी 4 नवंबर दिन शुक्रवार को है. इस दिन से भगवान विष्णु कार्यभार संभालते हैं और फिर अगले दिन यानी 5 नवंबर को तुलसी विवाह किया जाएगा. आइए जानते हैं इस बार बन रहे शुभ विवाह मुहूर्त और शुभ तिथियां...
नवंबर- दिसंबर में सिर्फ चार-चार ही मुहूर्त
नवंबर से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है. शादियों के मुहूर्त नवंबर और दिसंबर में काफी कम हैं. इस बार नवंबर और दिसंबर में सिर्फ चार-चार शुभ मुहूर्त हैं.
शुक्र 2 अक्टूबर से अस्त है
शुक्र 2 अक्टूबर को अस्त हो चुके हैं, जो 20 नवंबर तक जारी रहेगा. सभी शुभ कार्यों में ग्रह-नक्षत्र और सितारों की स्थिति को देखकर ही शादी के मुहूर्त तय किए जाते हैं. इस वजह से विवाह आदि शुभ कार्य 21 नवंबर से शुरू हो रहे हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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देवउठनी एकादशी के बाद इस बार नहीं होंगे मांगलिक कार्य, 16 दिन बाद मिल रहे हैं विवाह के मुहूर्त