डीएनए हिंदी: हिंदू नव वर्ष (Hindu new year 2023) का दूसरा महीना यानी वैशाख (Vaishakh) शुरू हो चुका है जो के 5 मई तक चलेगा. सनातन धर्म में वैशाख माह को बेहद पवित्र माना जाता है. हर साल इस माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन भक्त धार्मिक कार्य जैसे स्नान, दान और पितृ को तर्पण देने का काम करते हैं. वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavysya) को शनि जयंती होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, तो चलिए जानते हैं इस बार वैशाख शनि जयंती कब है और क्या है इसकी पूजा विधि?
शनि जयंती शुभ तिथि (Vaishakh Shani Jayanti 2023 Date)
इस बार शनि जयंती और अमावस्या तिथि यानी 19 अप्रैल दिन बुधवार को सुबह 11 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 20 अप्रैल को दिन गुरुवार को 09 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार यह 20 को है, ऐसे में जयंती इस दिन ही मनाई जाएगी.
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इसके अलावा इस बार वैशाख शनि जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और अभिजीत मुहूर्त पड़ रहा है जो बहुत शुभ माना जाता है.
पूजा विधि (Vaishakh Shani Jayanti 2023 Puja Vidhi)
शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत होने के पश्चात स्नान करें और फिर शनि देव का स्मरण करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें.
इसके बाद पूजा स्थल पर काले रंग के वस्त्र बिछाकर उस पर शनि देव की तस्वीर या प्रतीक के रूप में सुपारी रखा जाता है और फिर शनि देव को नीले फूल, कुमकुम, सिंदूर इत्यादि अर्पित किया जाता है. साथ ही फल अर्पित करें.
इसके बाद शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाया जाता है और फिर शनि देव के समक्ष दीपक जलाया जाता है. शनि देव का ध्यान करते हुए शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ किया करें.
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जो भक्त घर में शनि देव की पूजा नहीं कर सकते वे शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा-अर्चना करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि जयंती के दिन काला तिल, छाता, काला या नीला वस्त्र, लोहा, स्टील के बर्तन, जूता, चप्पल आदि का दान करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त होती है.
शनि मंत्र (Shani Mantra)
ओम् शं अभयहस्ताय नमः
ओम् शं शनैश्चराय नमः"
ओम् नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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