डीएनए हिंदी: सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही महादेव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ बढ़ गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. अगले 31 अगस्त यानी सावन माह के अंत तक श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी रहेगी. इसी को देखते हुए प्रबंधक समिति ने कई परिवर्तन किए हैं. इनमें भस्मारती के समय में बदलाव से लेकर गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के जाने पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. इसके साथ ही श्रद्धालु दूर से ही दर्शन कर सकेंगे.
भस्मारती के समय में भी किया फेरबदल
इस बार सावन पूरे 59 दिनों का होगा. यह योग पूरे 19 साल बाद आया है. ऐसे में शिव भक्तों में अलग ही उत्साह है. देश ही नहीं दुनिया भर श्रद्धालु शिव मंदिर से लेकर महाकालेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचना शुरू हो गए है. ऐसे में व्यवस्था बनाएं रखने के लिए दूर से ही दर्शन की व्यवस्था कर दी है. इसके साथ ही भस्मारती के समय में भी बदलाव किया गया है. इसमें हर दिन सुबह चार बजे की जाने वाली भस्मारती एक घंटे पहले यानी 3 बजे की जाएगी. सावन के सोमवार को यह आरती रात ढाई बजे से की जाएगी. इसमें भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु महाकाल पर फूल और जल चढ़ा सकेंगे.
70 दिनों तक प्रतिबंधित रहेगा गर्भगृह में प्रवेश
सावन की शुरुआत के साथ ही उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर समिति ने 4 जुलाई से भक्तों को गर्भ गृह में जाने से रोक दिया है. महाकालेश्वर जाने वाले भक्त अगले 70 दिनों तक गर्भ गृह नहीं जा पाएंगे. मंदिर समिति ने 11 सितंबर तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए लिया गया है. ऐसे में श्रद्धालु दूर से ही दर्शन कर सकेंगे. इसके साथ ही सावन मास के हर सोमवार और भादौ के पहले दो सोमवार को महाकाल की 10 सवारी निकाली जाएगी.
भस्मारती दर्शन के लिए करना होगा ये काम
सावन में भस्मारती के दर्शन करना चाहते हैं तो यह जरूर जान लें कि आरती का समय बदल दिया गया है. भस्मारती दर्शन के तीन माध्यम हैं. इसके लिए आप महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर जाकर बुकिंग कर सकते हैं. यहां बुकिंग फुल दिखाने पर मंदिर के पास भस्मारती के काउंटर से भी फार्म भरकर जा सकते हैं. इस आरती में हर दिन सिर्फ 150 लोग ही हिस्सा ले सकते हैं.
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उज्जैन महाकाल के 11 सितंबर तक होंगे 'दूरदर्शन', जानिए शिव भक्तों की भीड़ देखकर लगे क्या-क्या प्रतिबंध