डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में कुंडली को विशेष महत्व दिया जाता है. कुंडली के जरिए ही किसी के भविष्य के बारे में या उसके भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाया जाता हैं. जन्म कुंडली (Janam Kundali) को बच्चे के जन्म स्थान, जन्म तिथि और समय के अनुसार बनाया जाता है. हालांकि कई बार यह सवाल सामने आता है कि जुड़वा बच्चों की कुंडली (Twins Child Kundali) में बहुत सी समानताएं होती हैं, बावजूद इसके दोनों का भविष्य अलग-अलग होता है.

जुड़वा बच्चों के जन्म स्थान, जन्म तिथि और समय सभी एक समान होते हैं. फिर भी उनके भाग्य में बहुत अंतर(Twins Child Astrology)  देखने को मिलता है. तो चलिए जानते हैं कि जुड़वा बच्चों की कुंडली (Twins Child Kundali) एक समान होते हुए भी दोनों की दशा और दिशा अलग-अलग क्यों होती है. 

इन वजहों से जुड़वा बच्चों का भविष्य होता है अलग

कुछ ही मिनटों में बदल जाते हैं ग्रहों के स्वामी
जुड़वा बच्चों की कुंडली में कई समानताएं होती है लेकिन फिर भी उनके जन्म के समय में कम से कम 3 मिनट से लेकर 12 मिनट तक का अंतर हो सकता है. इतने समय में लग्न अंशों और ग्रहों के अंशों में बदलाव हो जाता है क्योंकि इतने समय में नक्षत्रों के स्वामी भी बदल जाते है. नक्षत्रों के स्वामी बदलने की वजह से भी जुड़वा बच्चों की जीवन दशा में बदलाव हो जाता है. 

यह भी पढ़ें - Mauni Amavasya 2023: कल है साल की पहली मौनी अमावस्या, जानें स्नान-दान लेकर शुभ मूहूर्त और महत्व तक सब

कर्म सिद्धांत के कारण भी जुड़वा बच्चों के भविष्य में होता है अंतर
कई मान्यताओं के अनुसार, यह माना जाता है कि व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार ही फल प्राप्त होते हैं. इसलिए जुडवां बच्चों की कुंडली एक समान होने के बाद भी उनके भविष्य में अंतर होता है. पिछले जन्म के कर्मों का फल भी व्यक्ति को भुगतना पड़ता है. ये भी एक कारण है कि जुड़वा बच्चों के भविष्य में अंतर होता है.

गर्म कुंडली से जुड़वा बच्चों के भविष्य के अंतर को जाने
गर्म कुंडली जन्म कुंडली से अलग होती है इसे बनाने के लिए गर्भाधान के समय को ध्यान में रखना होता है. जुड़वा बच्चों की कुंडली को गर्भाधान के अनुसार बनाना चाहिए ऐसा करने से दोनों के भविष्य के परिवर्तन को आसानी से समझा जा सकता है. 

गर्भाधान मुहूर्त
बच्चों के जीवन पर उनके माता-पिता का पूर्ण प्रभाव पड़ता है. बच्चा अपने मां के गर्भ में 9 महीनों तक रहता है. मां का बच्चे पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. दंपत्ति के गर्भाधान के समय ब्रह्मांड के नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति का भी बच्चे के जीवन पर प्रभाव पड़ता है. शास्त्रों में गर्भाधारण के मुहूर्त को भी विशेष महत्व दिया जाता है. यह मुहूर्त दिन, समय, तिथि, नक्षत्र और चंद्र स्थिति और दंपतियों की कुंडली को देखकर निकाला जाता है. 

यह भी पढ़ें - Dog Crying Signs: जानें क्यों कुत्तों का रोना माना जाता है अशुभ, देते हैं अनहोनी का संकेत

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
twins child birth horoscope similar but future differences astrology fact about Judva bacchon ka bahgya
Short Title
जुड़वा बच्चों की कुंडली होती है एक जैसी लेकिन भाग्य अलग-अलग, जानें वजह
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Jyotish Shastra
Caption

प्रतीकात्मक तस्वीर

Date updated
Date published
Home Title

जुड़वा बच्चों की कुंडली होती है एक जैसी लेकिन भाग्य अलग-अलग, जानें इसके पीछे का रहस्य