डीएनए हिंदीः साल की आखिरी विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) आज है और आज के दिन भगवान गणपति के निमित्त व्रत (Bhagwan Ganpati Puja) और पूजन का विधान होता है लेकिन इस दिन एक खास ख्याल यह भी रखना होता है कि चांद का भूल का भी दर्शन न हो (Don't See Moon by Mistake).
किसी भी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करना बेहद कष्टकारी माना जाता है. क्या आपको पता है इसके पीछे की वजह. और अगर दर्शन हो जाए तो क्या कष्ट मिलते हैं. साथ ही भूलवश दर्शन होने पर कैसे इसके बुरे प्रकोप से बचा जा सकता है.
जानिए चंद्र दर्शन से क्या होता है नुकसान
चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए. अगर चंद्रमा को देख लिया तो झूठा कलंक लग जाता है. ये कलंक उसी तरह लगता है जिस तरह से श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का लगा था. इसलिए अगर चंद्र को देख ही लिया तो कृष्ण-स्यमंतक कथा पढ़ने से ये भूल गणपति जी क्षमा कर देते हैं. इसके अलावा इस दोष को खत्म करने के लिए हर दूज के चांद को देखना भी जरूरी होता है. ऐसे में अगर धोखे से भी चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो क्या करें, इसके बारे में जानते हैं.
कब लगता है कलंक
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि की रात को चंद्र दर्शन करने पर भविष्य में कलंक लगने का भय बना रहता है. ऐसे में इस कलंक से बचने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए.
ऐसे दूर होगा चंद्र दोष
अगर गणेश चतुर्थी पर गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो इसके उपाय किए जा सकते हैं. इस दोष को दूर करने के लिए गणपति की फल-फूल चढ़ाकर पूजा करें. उसके बाद उसे चंद्रमा को दिखाते हुए किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें. भविष्य में लगने वाले कलंक से बचने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का पूरी श्रद्धा
इस मंत्र का करें जाप
सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत: सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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