डीएनए हिंदी : 10 सितंबर से पूर्वजों को पूजने और उन्हें तृप्त करने का दिन (Pitru Paksha 2022) शुरू हो रहा है. 15 दिन तक चलने वाले इस पक्ष में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण इत्यादि किया जाता है. इस हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. पितृपक्ष के दौरान कई बार लोग सपने में अपने पूर्वजों को अलग अलग मुद्रा में देखते हैं. आइए जानते हैं सपने में किस मुद्रा में पूर्वजों का आना शुभ और अशुभ माना जाता है.
ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति नही होती वह व्यक्ति अपने वंशजों के सपने में आते हैं. ऐसे में जब तक पुर्वजों के इच्छाओं की पूर्ति नही होती तब तक उनकी आत्मा भटकती रहती है. इसलिए अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए पुर्वज अपने वंशजों के सपने में आते हैं.
सपने में इस मुद्रा में पूर्वज देते हैं दिखाई तो...
हंसते हुए
यदि सपने में आपको पूर्वज हंसते हुए दिखाई दें तो यह एक शुभ संकेत माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जब पितृदेव अपने अपने वंशजों से संतुष्ट और प्रशन्न होते हैं तब ऐसे सपने दिखाई देते हैं.
रोते हुए
सपने में पूर्वजों को रोते हुए देखना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है सपने में पूर्वजों को रोते हुए देखना किसी बड़े संकट का संकेत होता है ऐसे में इसे नजरअंदाज किए बिना पितरों की संतुष्टि के लिए पिंडदान, श्राद्ध तर्पण इत्यादि करना चाहिए.
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शांत मुद्रा
सपने में पूर्वजों को शांत मुद्रा में देखना यह संकेत देता है कि पूर्वज आपके कर्मों से संतुष्ट हैं. इस मुद्रा में पूर्वजों को देखना शुभ संकेत माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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सपनों में आते हैं पूर्वज, जानिए क्या कहता है स्वप्न गणित इस बारे में