डीएनए हिंदीः सूर्य की पूजा से यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि, निरोगी काया और शत्रु से मुक्ति मिलती है. पंचदेव में सूर्य देव का विशेष स्थान होता है और यही कारण है कि सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है.
सूर्य देव को नवग्रहों के राजा हैं और वह कलयुग के साक्षात देवता माने गए हैं, इसलिए सूर्य देव की पूजा करना विशेष फलदायी होता है. अगर आपके घर परिवार में कोई रोग या किसी भी प्रकार के मानसिक कष्ट से पीड़ित है तो सूर्य के आरोग्य दायक मंत्र का जाप किया जा सकता है. तो चलिए आज सूर्य आरोग्य मंत्र पढ़ें.
सूर्य आरोग्य मंत्र
ऊँ नम: सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।
आयु ररोग्य मैस्वैर्यं देहि देव: जगत्पते।।
सूर्याष्टकम् पाठ
श्री सूर्याष्टकम्
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥1॥
सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥2॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥3॥
त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥4॥
बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च।
प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥
बन्धूकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥6॥
तं सूर्यं लोककर्तारं महा तेजः प्रदीपनम् ।
महापाप हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानप्रकाशमोक्षदम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम्।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत्॥9॥
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने।
सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता॥10॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति॥11॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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