Sun Connection With Disease: ज्योतिष में ग्रहों का बड़ा महत्व है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति और वर्ण ही व्यक्ति के भाग्य से लेकर उसके व्यक्तित्व और स्वभाव को निश्चित करता है. वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रहों का वर्णन मिलता है. इन सभी 9 ग्रहों की उच्च होने पर लाभ और नीच होने पर अशुभ फल से लेकर बीमारियों तक जिक्र किया गया है. ऐसे में आपको बता दें कि कुंडली में सूर्य ग्रह का कमजोर होना व्यक्ति की सफलता में बाधा उत्पन्न करने के साथ ही समाज में मान सम्मान को गिराता है. इसके नीच या कमजोर होने पर व्यक्ति को इन 3 बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में व्यक्ति को जीवन में सफलता, मान सम्मान, उच्च पद और निरोगी काया चाहिए तो कुछ उपाय कर सूर्य को मजबूत स्थिति में ला सकते हैं. इससे मेहनत का फल प्राप्त होगा. आइए जानते हैं कि सूर्य के कुंडली में नीच या कमजोर स्थिति में होने पर कौन से रोग होते हैं...
आंखों के संबंधित बीमारियां
सूर्य को नेत्र ज्योति का कारक माना गया है. कुंडली में सूर्य नकारात्मक या अशुभ बैठा हो तो व्यक्ति को आंखेां से संबंधित रोग हो सकता है. वहीं अगर सूर्य देव कुंडली के अंदर दूसरे भाव में विराजमान हो तो समझ लें कि आंखों से संबंधित परेशानी हो सकती है. ज्योतिष में छठे भाव से रोग का विचार किया जाता है. यह सूर्य चंद्र शत्रु रूप में और रोगकारक ग्रह मिलकर इस भाव को प्रभावित करते हैं.
दिल से संबंधित रोग
ज्योतिष के अनुसार, हार्ट डिजीज के पीछे की वजह कुंडली में सूर्यदेव का कमजोर स्थिति में होना है. सूर्य दोष की वजह से भी दिल से संबंधित रोग हो सकते हैं. कुंडली में सूर्य ग्रह का नीच स्थिति में चौथे स्थान पर रहना दिल के रोगों की समस्या को बढ़ाता है. वहीं छठे स्थान में अगर सूर्य के नीच के या सूर्य के साथ शनि देव नीच के हो व्यक्ति को हार्ट संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
सूर्य का हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का भी संबंध होता है. सूर्य दोष या कुंडली में सूर्य की कमजोर स्थिति की वजह से व्यक्ति में विटामिन डी की कमी हो सकती है. इसलिए कुंडली में सूर्य देव के नीच होने से व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
सूर्य को मजबूत करने के लिए करें ये उपाय
- अगर कुंडली में सूर्यदोष या सूर्य कमजोर स्थिति में है तो रविवार के दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें. इसके साथ ही साथ ही ‘ऊं सूर्याय नम:,’ ‘ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः,’ ‘ऊं घृणि: सूर्यादित्योम’ और ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:’ मंत्रों का जप करें.
- रविवार के दिन किसी भी जरूरतमंद या गरीब को गेहूं और तांबे का दान करें.
- हर दिन सूर्य देव को जल चढ़ाना बेहद शुभ होता है. सूर्य देव को जल तांबे पात्र में पिसी हुई हल्दी डलाकर जल अर्पित करें.
- वहीं कुंडली का विश्लेषण कराकर माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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कुंडली में सूर्य के कमजोर या अशुभ होने पर होते हैं ये 3 गंभीर रोग, जानिए इसके उपाय