डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रह्मांड में कुल 9 ग्रह होते हैं. इन सभी की दशा और चाल का प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले अलग अलग सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है. यह प्रभाव किसी के लिए शुभ तो किसी के लिए अशुभ भी हो सकते हैं. यह व्यक्ति की कुंडली के हिसाब से उक्त व्यक्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. कुंडली में अगर ग्रह उच्च स्थान पर होता है तो वह व्यक्ति के जीवन में सुखदायक होता है. हर दिशा में व्यक्ति को लाभ पहुंचाता है. वहीं ग्रह के नीच स्थिति में होने पर व्यक्ति के जीवन में बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं. हानि, अपमान और परेशानियों सामना करना पड़ता है. 

सभी ग्रहों के राजा सूर्यदेव बेहद शुभदायक होते हैं. ज्योतिष की मानें तो सूर्य की महादशा किसी भी कुंडली में 6 साल के लिए लगती है. यह व्यक्ति को मान सम्मान, पद प्रतिष्ठा और धन की पूर्ति करते हैं. यह सभी लाभ व्यक्ति को कुंडली में सूर्य के उच्च स्थान पर विराजमान होने पर ही मिलते हैं. सूर्यदेव व्यक्ति में नेतृत्व करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. व्यक्ति नेता से लेकर टीम लीड कर आगे बढ़ता है. उसकी हर तरफ सराहना की जाती है. सूर्यदेव की उच्च स्थिति का सिंह और मेष राशि का आधिपत्य होता है. वहीं तुला राशि में वह नीच स्थिति के माने जाते हैं. इसकी वजह से तुला राशि के जातकों को सूर्य की महादशा लगने पर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

कुंडली में सूर्य देव की शुभ स्थिति में मिलते हैं ये लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्यदेव उच्च स्थान पर होते हैं. उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है. व्यक्ति का भाग्य जागृत हो जाता है. आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होती है. इसी के बल पर व्यक्ति आगे बढ़ता है. कुछ राशियां ऐसी हैं, जिनमें सूर्य ग्रह उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं. इनमें मेष और सिंह राशि शामिल है. इनमें सूर्य महादशा लगते ही व्यक्ति के जीवन में पलट जाता है. उसे सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सूर्यदेव अपनी संबंधित और मित्र राशियों में भी उच्च फल प्रदान करते हैं. ऐसी राशियों के जातकों के साभी बिगड़े काम बनने लगते हैं. यह लोग भाग्य के दम पर थोड़ी सी मेहनत का अधिक फल प्राप्त करते हैं. इनके घर परिवार से लेकर अपने पिता, अधिकारियों और बॉस से अच्छे संबंध बनते हैं. इनका लाभ भी प्राप्त करते हैं.  

कुंडली में सूर्यदेव का नीच स्थिति में होना पर आती है परेशानी

ज्योतिष के अनुसार, जिस भी राशि और व्यक्ति की कुंडली में सूर्यदव नीच स्थिति में होते हैं. उन्हें सूर्य की महादशा लगने पर 6 साल का समय काटना मुश्किल हो जाता है. जीवन में तमाम परेशानियां आना शुरू हो जाता है. व्यक्ति के अंदर अंहकार भर जाता है. यह उसके पतन का कारण बनता है. पिता से लेकर सगे संबंधी और रिश्तेदारों से तालमेल नहीं बैठता. व्यक्ति को शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है. आंख की रोशनी कम होने लगती है. कार्यक्षमता कम होने के साथ ही आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को नुकसान झेलना पड़ता है. 

सूर्य की महादशा में करें ये उपाय

-अगर आप पर सूर्य की महादशा के नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं. जीवन परेशानियों से घीर गया है तो रविवार के दिन तांबा और गेहूं का दान करना शुरू कर दें. इससे सूर्य के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं. 

-ग्रहों के राजा सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर दिन स्नान करने के बाद सूर्य जल दें. साथ ही आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें. 

-सूर्य की महादशा झेल रहे हैं तो नियमित रूप से ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: का जप करें. इस मंत्र के जाप से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन में आने वाली परेशानियां कम हो जाती है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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sun keep 6 years on kundali get good or bad according to zodiac signs surya mahadasha prabhav or upay
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कुंडली में 6 साल तक रहती है सूर्य ग्रह की महादशा
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Surya mahadasha Effects In Kundali And Zodiac Signs
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कुंडली में 6 साल तक रहती है सूर्य ग्रह की महादशा, जानें व्यक्ति के जीवन पर कैसा पड़ता है प्रभाव

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