डीएनए हिंदी : ज्योतिष विज्ञान शुक्र ग्रह की अनुकूलता पर बेहद ध्यान देता है. इस शास्त्र का कहना है कि मज़बूत शुक्र से व्यक्ति भौतिक सुख पाता है. इन सुखों में घर, वाहन सुख आदि सम्मिलित है.
सबसे आवश्यक बात यह है कि शुक्र यौन अंगों और वीर्य का कारक भी माना जाता है. शुक्र सुख, उपभोग, विलास और सुंदरता के प्रति आकर्षण पैदा करता है.
शुक्र देता है सब सुख-सुविधा
चंद्रमा व शुक्र दोनों ही स्त्रीकारक ग्रह हैं लेकिन दोनों में सूक्ष्म अंतर है. चंद्रमा स्नेहिल है, पावन है, मां जैसा प्रेम चंद्रमा में है. शुक्र मन मोहता है, उसमें आकर्षण है, आसक्ति है और वासना है.
मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, उसे वह शुभ फल प्रदान करते हुए सौंदर्य, आकर्षक व्यक्तित्व, सुखी दांपत्य जीवन, प्रेम में सफलता, भौतिक-सुख सुविधाएं आदि प्रदान करता है. मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर शुक्र ग्रह मेहरबान रहता है, उसे कभी धन-दौलत आदि की कमी नहीं होती है.
वैवाहिक सुख का आधार है शुक्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक जातक के जीवन में स्त्री सुख का कारक ग्रह शुक्र ग्रह होता है, शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जातक अपने प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त करता है. इसके साथ ही सुंदर व्यक्तित्व और धन-सम्पति का कारक भी शुक्र ग्रह ही है . शुक्र गुरु को असुरों का गुरु कहा जाता है और सभी भौतिक वस्तुओं यानी सभी प्रकार के भोग शुक्र ग्रह के अधीन माने गये हैं, जैसे कि- धन सम्पति, स्त्री सुख, सुंदर व्यक्तित्व ये सभी सुख, शुक्र ग्रह की कृपा से ही जातक अपने जीवन में भोगता है .
शुक्र से संबंधित वस्तुएं
चांदी, सोना, आभूषण, सफेद चंदन, सुगंधित द्रव्य, श्वेत पुष्प, दूध, मिश्री, श्वेत मिट्टी, कामधेनु गाय, दही, चिड़िया, अभ्रक, आलू, श्वेत पत्थर, हीरा... ये सभी शुक्र से संबंधित वस्तुए हैं. अगर आप रखना चाहते हैं अपनी सेक्स और लव लाइफ एकदम फिट तो ये चीज़ें आपकी मदद कर सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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