डीएनए हिंदी: शास्त्रों में पूजा पाठ के नियम वर्णित है और यह माना जाता है कि अगर आप सच्चे मन से भले ही पूजा करें, लेकिन पूजा नियमों का पालन न करें तो उस पूजा का फल नहीं मिलता है. कई बार पूजा में छोटी सी चूक से उसका सारा श्रेय भगवान इंद्र के नाम हो जाती है. तो चलिए जानें कि पूजा के 10 नियम क्या हैं.
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पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. भगावन की पूजा के समय पंच देव की पूजा सर्वपरि है. पंच देव में-सूर्य देव, श्री गणेश, देवी दुर्गा, भगवान शंकर और भगवान विष्णु शामिल हैं.
2. पूजा-पाठ में दिशा और स्थान दोनों महत्वगपूर्ण होते हैं. पूजा का स्थान ईशान कोण पर ही होना चाहिए और पूजा करने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर.
3. पूजा पवित्र मन से ही करनी चाहिए. कभी क्रोध या भारी मन से पूजा नहीं करनी चाहिए.
4. पूजा हमेशा आसन पर बैठकर ही करनी चाहिए. जमीन या बिस्तर पर बैठकर पूजा न करनी चाहिए. यदि उचित आसन न हो तो कंबल बिछाकर पूजा करें.
5. पूजा के दौरान अपने आराध्य के मंत्र और प्रार्थना का सही उच्चारण करें. देवी-देवताओं और ग्रहों से संबंधित मंत्र का जप करते समय उचित माला का प्रयोग करना चाहिए. किसी दूसरे की माला या फिर गले में पहनी हुई माला का प्रयोग न करें.
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6. ईश्वर की पूजा के बाद आरती कराना बहुत जरूरी होता है.
7. ऐसा माना जाता है कि पूजा के बाद आसन के नीचे 2 बूंद जल डालकर उसे माथे से अवश्य लगाएं. उसके बाद ही स्थान छोड़ें. अन्यथा, आपकी पूजा का फल इंद्रदेव को मिल जाता है.
8. पूजा समाप्त होने के बाद अपने आराध्य से भूल-चूक के लिए क्षमा याचना जरूर करें.
9. अगर आपने किसी पूजा या पूजा से जुड़ा कोई दान का संकल्प लिया हो तो उसे समय रहते पूरा कर लें. अन्यथा उसका दोष लगता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Puja Mistake: पूजा में छोटी सी ये चूक, इंद्र के नाम कर देगा सारा पुण्य फल