Shanidev हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है. इनमें सोमवार भगवान शिव तो हफ्ते का आखिरी दिन शनिवार (Shani dev) न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है. इस दिन शनिदेव (Shanidev Worship) की पूजा अर्चना भी की जाती है. शनिवार को शनि देव की आरधना करने से उनकी वक्र दृष्टि से बचा जा सकता है और शनि की साढ़े साती एवं शनि ढैय्या का प्रभाव भी कम हो जाता है, लेकिन शनिदेव से नजरें मिलाने पर उनकी कुदृष्टि पड़ती है, जिसके प्रभाव से व्यक्ति का बुरा समय शुरू हो जाता है. इसकी वजह शनिदेव को पत्नी से मिला श्राप है. आइए जानते हैं कि शनिदेव को पत्नी ने क्यों दिया श्राप और घर में मूर्ति न रखने की पीछे की वजह...
शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है. नौ ग्रहों में उन्हें न्यायधिश की उपाधि दी गई है. शनिदेव कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. उनकी पूजा अर्चना करने पर विशेष फल भी प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता है. ज्योतिषाचार्य की मानें तो इसके पीछे की वजह शनिदेव को पत्नी से मिलता श्राप है.
शनिदेव को पत्नी से मिला था ये श्राप
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, एक समय में शनिदेव ध्यान में लीन थे. उस समय उनकी पत्नी सौंदर्य से शनिदेव को रिझाने का प्रयास कर रही थी. उनके अथक प्रयास के बाद भी शनिदेव ने उनकी तरफ नहीं देखा. वह अपने ध्यान में लीन रहे. इस बार शनिदेव की पत्नी क्रोधित हो गई. उन्होंने अपने पति शनिदेव को श्राप दिया कि शनिदेव जब भी किसी को देखेंगे तो उस व्यक्ति का अहित होगा. उस पर शनिदेव कुदृष्टि पड़ेगी, जो भी व्यक्ति पूजा करते समय भी शनिदेव कीि आंखों से आंखें मिलाएगा. उसे संकटों का सामना करना पड़ेगा और अनिष्ट होगा.
घर में इसलिए नहीं रखती जाती है शनिदेव की मूर्ति
शनिदेव की घर में मूर्ति स्थापित न करने की वजह भी उनकी पत्नी से मिला श्राप ही है. घर में शनिदेव की मूर्ति न रखने के पीछे उनकी कू दृष्टी को बताया जाता है. शनिदेव के सामने खड़े होने से ही उनकी कुदृष्टि पड़ती है. व्यक्ति को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इससे बचने और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ही उनकी मूर्ति को घर में स्थापित नहीं करनी चाहिए.
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शनिदेव से न मिलाएं दृष्टि
जब हम मंदिर में आगे बैठकर भगवान से प्रार्थना करते हैं और उन्हें देखते हैं. उनसे नजरें भी मिलाते हैं. ऐसे में अगर शनि देव की मूर्ति को घर में रखकर नजरें मिल जाये तो व्यक्ति का अनिष्ट होना शुरू हो जाता है. उन्हें देखना उनकी दृष्टि से आंखें मिलाना अशुभ परिणामों का सूचक बनता है. इसलिए मंदिर में भी शनिदेव की पूजा अर्चना करते समय मूर्ति के बिल्कुल सामने नहीं खड़ा होना चाहिए. न ही शनिदेव की आंखों में देखना चाहिए. शनिदेव की पूजा अर्चना और प्रार्थना करते समय आंखों को नीचे झुकाकर रखना चाहिए. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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पत्नी से मिले इस श्राप की वजह से घर में नहीं रखी जाती शनिदेव की मूर्ति, नजर मिलाने पर पड़ती है कुदृष्टि