वर्ष 2025 में शनि गोचर, गुरु गोचर, राहु-केतु गोचर जैसे कई महत्वपूर्ण ग्रह गोचर हैं. इसमें भगवान शनि, जो एक राशि में लंबे समय तक भ्रमण कर सकते हैं, 29 मार्च 2025 को कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इससे उनका प्रभाव 12 राशियों पर पड़ेगा. आइए जानें सात राशियों में से किन राशियों पर शनि का प्रभाव रहेगा और किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का समय रहेगा.
शनि पारगमन 2025 कब है?
भगवान शनि, जिन्हें ज्योतिष में कर्म कारक कहा जा सकता है, 29 मार्च 2025 को रात 9.44 बजे कुंभ राशि में पुरातिथि तीसरे चरण से मीन राशि में पुरातिथि नक्षत्र 4थे पद तक गोचर कर रहे हैं. इसके कारण कुंभ राशि जन्म शनि से मुक्त हो जाती है, जो शनि का सर्वोच्च शासक है. मीन राशि के लिए जन्म शनि प्रारंभ होता है. आइये जानते हैं शनि देव के मीन राशि में गोचर के दौरान साढ़े साती के दौरान किस राशि पर शनि का प्रभाव रहेगा और कौन सी राशि शनि की कड़ी दृष्टि से मुक्त रहेगी.
शनि देव मीन राशि में गोचर करते हैं
जन्म शनि - मीन राशि
पाद शनि - कुंभ राशि
वीर शनि - मेष राशि (मेष राशि के लिए इस बार शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है.
अष्टम शनि: सिंह राशि के लिए अष्टम शनि शुरू होता है.
शनि से कौन प्रभावित होता है )
शनि की साढ़े साती का अंत - मकर राशि से जुड़ने वालों को
अष्टम शनि - कर्क राशि से मुक्ति मिलने वाली है इस राशि के लोग अष्टम शनि के प्रभाव से मुक्त हो जाएंगे जो साढ़े साती के बराबर है.
मीन राशि: जन्मकालीन शनि प्रभाव:
मीन राशि वालों पर जन्म शनि का प्रभाव रहेगा . इससे समाज में जो लोग सम्मानजनक स्थिति में हैं उन्हें भी अनावश्यक आलोचना और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा. सगे भाइयों से अकारण शत्रुता एवं मन टूटेगा. कार्यस्थल पर सहकर्मियों से सहयोग की कमी, वरिष्ठों के साथ प्रतिकूल माहौल. कार्य पूरे होने में विलंब होगा.
व्यवसायी बिना लाभ के बिक्री और लाभ की उम्मीद करते हैं. आप अनावश्यक चीजों पर पैसा खर्च करेंगे. विकृत विचार आते हैं और चले जाते हैं. तो रिश्ते में अनावश्यक अलगाव आएगा. संयुक्त उद्यमों में मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं. बुरी आदतों से दूर रहना, शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखना और आलस्य को छोड़कर कार्य करना आवश्यक है.
कुंभ: पाद शनि
कुंभ राशि वालों को जन्म के शनि से छुटकारा मिलने से मानसिक शांति मिलती है. हालाँकि साढ़े साती के अंतिम भाग में बड़ा शनि का लाभ मिलेगा. हालाँकि यह जन्म शनि की तरह कठिन अवधि नहीं है, लेकिन जिस अवधि के दौरान पद शनि हो सकता है, आपको सामग्री और धन की हानि होगी. कई लोगों के लिए यह स्वास्थ्य समस्याओं और मानसिक थकावट का दौर होगा.
बुरा शनि काल के दौरान व्यक्ति को जीवन में नैतिक आचरण करना चाहिए. अपने नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए शनिदेव की पूजा घी का दीपक जलाकर और तिल-चावल और नैवेदी से पूजा करना अच्छा होता है. पाद शनि के दौरान यथासम्भव यासक को भोजन दान करना अच्छा रहता है.
मेष: अस्त शनि
मेष राशि पर 30 साल बाद एक बार फिर शनि की साढ़ेसाती शुरू होने वाली है. जैसे ही शनि राशि चक्र के 12वें घर, व्रय स्थान में प्रवेश करेगा, आपके जीवन में कई समस्याएं और बाधाएं आने की संभावना है. अप्रत्याशित खर्च और व्यर्थ खर्च होने की संभावना है. इस अवधि में आपका सामान्य से अधिक खर्च होने और परेशानी में पड़ने की संभावना है. इसी प्रकार नए व्यापार और बिजनेस के मामले में भी ध्यान देने की जरूरत है. बेहतर होगा कि वाणी पर ध्यान दें.
कर्क राशि: अष्टम शनि विचलन
साढ़े साती का प्रभाव जितना शनि की साढ़े साती का होता है उतना ही कठिन प्रभाव अष्टम शनि भी दे सकता है. कर्क राशि, जो अब तक अष्टम शनि से प्रभावित थी, उसे 2025 में शनि के गोचर से छुटकारा मिल जाएगा. तो आपके काम और करियर के मामलों में सुधार होगा और पारिवारिक समस्याएं हल हो जाएंगी.
सिंह: अष्टम शनि से प्रभावित
अगले ढाई वर्षों तक अतिरिक्त सावधान रहना आवश्यक है क्योंकि शनिदेव, जो पहले से ही सिंह राशि के लिए शत्रु ग्रह हैं, अष्टम भाव में प्रवेश कर रहे हैं. काम में समझदारी बरतना और पारिवारिक रिश्तों को त्याग देना बेहतर है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
(देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर)
- Log in to post comments
साल 2025 में इन राशियों पर शुरू होगी शनि साढ़ेसाती और किन जातकों को झेलना होगा कहर