डीएनए हिंदीः सावन का महीना (Sawan Month 2023) शिव जी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए बहुत ही खास होता है. सावन में सोमवार के व्रत रखे जाते हैं, कांवड़ यात्रा की जाती है और इन दिनों भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023) भी किया जाता है. सावन में रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023) करने का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023) करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और कष्ट दूर होते हैं. रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023) करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. तो चलिए जानते हैं कि सावन में रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023) क्यों खास माना जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी इस बारे में जानते हैं.
कैसे हुई रुद्राभिषेक की शुरुआत (Sawan Rudrabhishek 2023)
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु से उत्पन्न कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई, ब्रह्माजी अपने जन्म का कारण जानने के लिए भगवान विष्णु के पास गए. उन्होंने रहस्य बताया कि मेरे कारण ही आपकी उत्पत्ति हुई है, लेकिन ब्रह्मा जी इस बात को मानने को तैयार नहीं थे जिसके बाद दोनों में भयंकर युद्ध हुआ. इस युद्ध के कारण भगवान शिव रुद्र लिंग के रूप में प्रकट हुए. जब ब्रह्मा विष्णु जी को कुछ पता नहीं चला तो युद्ध शांत हो गया और दोनों ने रुद्र लिंग का अभिषेक किया. जिससे भगवान प्रसन्न हुए. ऐसी मान्यता है कि तभी से रुद्राभिषेक की परंपरा चली आ रही है.
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ऐसे होता है रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek 2023)
रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र रूप की पूजा की जाती है. भगवान शिव के रुद्र रूप की पूजा करने से समस्त ग्रह बाधाओं और समस्याओं से छुटकारा मिलता है. रुद्राभिषेक में शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर स्नान कराया जाता है. सावन से पहले भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चले जाते हैं. इस समय भगवान शिव यानी रुद्र ही सृष्टि को चलाते हैं. ऐसे में रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ होता है. भगवान शिव को ही रुद्र अवतार माना जाता है.
रुद्राभिषेक का महत्व (Importance Of Rudrabhishek)
सावन में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. सावन में रुद्राभिषेक करने से सभी पाप और दुखों का अंत होता है. रुद्राभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. रुद्राभिषेक से घर में सुख-शांति बनी रहती है. रुद्राभिषेक गंगाजल, शहद, घी, इत्र, गन्ने का रस, सरसों के तेल और शुद्ध जल और दूध से किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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सावन में रुद्राभिषेक से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ, जानें कैसे हुई थी इसकी शुरुआत और महत्व