Rang Panchami 2025: हिंदू धर्म में हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होली का त्योहार मनाया जाता है. इसके चार दिन बाद यानी पांचवें दिन रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. रंग पंचमी के दिन देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की जाती हे. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण को गुलाल लगाया जाता है. इसी दिन श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन में होली के त्योहार का अंतिम दिन होता है. धार्मिक मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी. यही वजह है कि इसी दिन होली खेलने के लिए देवी देवता धरती लोक पर आए थे. उनकी इसी होली के उपलक्ष में रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान को रंग लगाने से भक्तों पर उनकी कृपा होती है, जीवन में आने वाली परेशानी और समस्याएं खत्म हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि इस किस दिन है रंग पंचमी, शुभ मुहूर्त से लेकर इसक महत्व...
कब है रंग पंचमी ( Rang Panchami 2024 Date and Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च 2025 को रात 10 बजकर 9 मिनट से शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन 19 मार्च 2025 को रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण और राधे रानी की पूजा अर्चना करने के साथ ही उन्हें रंग लगाना बेहद शुभ और लाभकारी होता है.
रंग पंचमी पर ये है शुभ मुहूर्त (Rang Panchami Shubh Muhurat)
रंग पंचमी पर अलग अलग पहर और मुहूर्त में विशेष संयोग और शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इनमें ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 51 मिनट से 5 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 29 मिनट से 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. वहीं निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami Importance)
धार्मिक मान्यताओ के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार होली के 5 दिन बाद आता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी. दोनों ने एक दूसरे को गुलाल लगाया था. इस मौके पर देवी देवता धरती पर आए थे. उन्होंने भी इस त्योहार को मनाया था. इसीलिए इसे रंग पंचमी का त्योहार कहा जाता है. माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं को गुलाल और अबीर चढ़ाने से कुंडली से दोष दूर हो जाते हैं. जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. उनकी कृपा प्राप्त होती है.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से
- Log in to post comments

होली के 5 दिन बाद मनाई जाएगी रंग पंचमी, जानें इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व