डीएनए हिंदी: नवरात्रि के दौरान देशभर में रामलीला का आयोजन किया जाता है (Shardiya Navratri 2022) . रामलीला दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “राम” और “लीला” यानी श्रीराम के जीवन पर आधारित कथाओं का नाटक (Ramleela Natak) के माध्यम से मंचन. रामलीला Ramleela) के माध्यम से भगवान श्रीराम के जीवन में क्या-क्या घटित हुआ था और उससे हमे क्या संदेश मिलता है, यह नाटक के द्वारा दर्शकों को दिखाया जाता है.
दुर्गा पूजा (Durga Puja 2022) के दौरान होने वाले अनेक परम्पराओं में से रामलीला को सबसे दर्शनीय माना जाता है. इसका आयोजन देश के कई राज्यों में धूमधाम से होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं विदेशों में भी रामलीला का आयोजन किया जाता है, यहां रामायण महाकाव्य का मंचन सिर्फ रंगमंच तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह उनकी संस्कृति का प्रतीक है.
इन देशों में भी होता है रामलीला का आयोजन
इंडोनेशिया (Indonesia Ramleela): इंडोनेशिया में 90 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है ऐसे में यहां रामलीला का मंचन होना बड़ी बात है. यहां रामायण को रामायण ककविन (काव्य) कहा जाता है. इंडोनेशिया में रामलीला का मंचन पूरे साल चलता है. यानी लोग यहां किसी भी शुभ अवसर पर रामलीला आयोजित करते हैं, यहां तक कि इस देश के स्कूलों में शिक्षा देने के लिए रामायण के चरित्रों का इस्तेमाल करते हैं.
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थाईलैंड (Thailand Ramleela): दुनिया भर में यहां की रामलीला काफी प्रसिद्ध है, थाईलैंड में रामलीला को 'रामकेयन' कहा जाता है. यहां सिर्फ शारदीय नवरात्रि में ही नहीं बल्कि लोग किसी भी विशेष अवसर पर रामलीला का आयोजन कराते हैं. यहां पर होने वाली रामलीला में कहानी तो रामायण की होती है, लेकिन वेशभूषा व पात्रों के नामों में थोड़ा बदलाव देखने को मिलता है.
मॉरीशस (Mauritius Ramleela): मॉरीशस में हर साल कला व सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा रामलीला का आयोजन करवाया जाता है. यहां पर रामलीला मंचन की परंपरा सालों से चली आ रही है, मॉरीशस में झाल और ढोलक पर रामायण गीत का चलन रहा है. इस देश में होने वाली रामलीला में भारतीय कलाकारों को अभिनय के लिए बुलाया जाता है.
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कंबोडिया (Combodia Ramleela): भारत के अलावा अलग-अलग देशों में आयोजित होने वाले रामलीला में कंबोडिया की रामलीला भी काफी मशहूर है. इस देश में भी सामाजिक उत्सवों के दौरान रामायण महाकाव्य का मंचन किया जाता है. कंबोडिया के जाने माने लोग भी रामलीला में किसी भी पात्र की भूमिका निभाने के लिए उत्सुक रहते हैं. देश के राजा नरेश नरोत्तम सिंहानुक की बेटी राजकुमारी फुप्फा को यहां की रामलीला से इतनी लोकप्रियता मिली कि उन्हें वहां मां सीता के तौर पर चित्रित किया जाने लगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Ramleela: विदेशों में भी होती है रामलीला! जानें इससे जुड़ी दिलचस्प बातें