डीएनए हिंदी: (Bhadra Kaal) हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. यह भाई और बहन के प्यार का प्रतिक होता है. रक्षाबंधन सावन माह की शुक्त पूर्णिमा में पड़ता है. इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त को पड़ रहा है, लेकिन भद्रा काल की वजह से बहनों को 30 अगस्त के दिन सिर्फ 7 मिनट ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त मिलेगा. इसकी वजह पूरे दिन से लेकर रात के 9 बजकर 2 मिनट तक तक भद्रा काल होना है. भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. इसका असर हर शुभ और मांगलिक कार्यों पर पड़ता है. भद्रा में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. इसे शुभ कार्यों का लाभ न मिलने के साथ ही इस काल में भाई के हाथ पर राखी बाधने से विपत्ति और विनाश के योग बनते हैं. यही वजह है कि इसे रावण के सयम में जोड़कर देखा जाता है. रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा में ही भाई के हाथ पर कलाई बांधी थी. इसी साल में रावण समेत उसका वंश तक खत्म हो गया. आखिर भद्रा काल क्या है, आइए जानते हैं...

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कौन है भद्रा 

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजूमदार बताती हैं कि शास्त्रों में भद्रा को सूर्यदेव की बेटी और ग्रहों के सेनापति शनिदेव की बहन बताया गया है. शनिदेव की तरह ही भद्रा का स्वभाव कठोर माना जाता है. भद्रा का स्वभाव समझने के लिए खुद लिए ब्रह्मा जी ने काल गुणना या पंचांग में एक खास स्थान दिया है. भद्रा के साय में शुभ और मांगलिक कार्य जैसे शादी वि​वाह, गृहप्रवेश, यात्रा और भवन निर्माण निषेध माना जाता है. भद्रा काल में कोई भी अच्छा कार्य नहीं किया जाता है. वहीं सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में भद्रा का साया होने पर भाई के कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है.

भद्रा के साए में इसलिए नहीं होते शुभ कार्य

हिंदू पंचांग के कुल 5 प्रमुख अंश होते हैं. इनमें वार, तिथि, योग, नक्षत्र और करण शामिल है. इसमें करण का एक विशेष स्थान होता है. इसकी संख्या 11 होती है. 11 करणों में से 7वां करण विष्टि का नाम ही भद्रा है. भद्रा के साए में शुभ कार्य करने में लोग डरते हैं. इसकी एक वजह रावण की बहन द्वारा भद्रा काल में भाई की कलाई पर राखी बांधा जाना था. उसके राखी बांधने के कुछ माह भीतर ही लंकापति राजा रावण का साम्राज्य खत्म गया. उसका वंश तक नहीं रहा. 

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भद्रा में राखी बांधने के पीछे है ये पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि राजा रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा काल में रावण को राखी बांधी थी. इसी के बाद उसका विनाश हो गया. यही वजह है कि रक्षाबंधन के त्योहार को भद्राकाल में नहीं मनाया जाता है. इस काल में बहन का भाई को राखी बांधना अशुभ होता है. वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं. और वो काफी क्रोध में होते हैं इस समय में शुभ कार्य या राखी बांधन पर शिवजी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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raksha bandhan 2023 date and shubh muhurat who is bhandra kaal why not tie rakhi in bhadra kaal
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जानें कौन है भद्रा, इस काल में क्यों नहीं बांधी जाती है राखी, रावण के विनाश
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जानें कौन है भद्रा, इस काल में क्यों नहीं बांधी जाती है राखी, रावण के विनाश से जुड़ी है वजह