Pradosh Vrat June 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इससे विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. महादेव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. व्यक्ति को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जााता है. ज्येष्ठ माह में भी प्रदोष व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह के प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व...
इस दिन है ज्येष्ठ माह दूसरा प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट से होगी. यह अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. ऐसे में प्रदोष व्रत 19 जून दिन बुधवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत में प्रदोष काल पूजा का बहुत बड़ा महत्व है.
पूजा सामग्री और विधि
प्रदोष व्रत में महादेव और माता पार्वती की पूजा जा जाती है. प्रदोष की पूजा शाम के समय की जाती है. इसमें सफेद चंदन, अक्षत, लाल चंदन, कपूर से लेकर भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र, पंचमेवा, हवन सामग्री, शिव चालीसा, फूल और मौली को शामिल करना बेहद जरूरी है. इस दिन भगवान शिव का गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करना बेहद शुभ होता है. भगवान सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
बुध प्रदोष व्रत का महत्व
बुध प्रदोष में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. अगर आप पर राहु या केतु ग्रह प्रभाव या दोष चल रहा है तो इस दिन पूजा अर्चना और व्रत करने से मुक्ति मिलती है. जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है. भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कब है ज्येष्ठ माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें तिथि से लेकर शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व