डीएनए हिंदी: Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha- अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में महज एक दिन बाकी रह गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यजमान की भूमिका में रहेंगे. इस कारण वे 12 जनवरी से पुराणों में दिए यम-नियम का पालन कर रहे हैं. सात्विक जिंदगी से जुड़े यम-नियम के दौरान पीएम मोदी देश में लगातार उन मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं, जिनका भगवान राम से नाता रहा है. शनिवार को भी वे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे. इसके बाद वे सीधे रामेश्वरम धाम पहुंच गए. रामेश्वरम धाम में पीएम मोदी ने जहां भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग के दर्शन किए, वहीं उन्होंने अग्नि तीर्थ तट पर समुद्र में पवित्र स्नान भी किया.
लंका विजय के लिए बनाया था भगवान राम ने शिवलिंग
रामेश्वरम मंदिर में स्थापित पौरोणिक शिवलिंग का नाता भगवान राम से माना जाता है. समुद्र पर सेतु तैयार होने के बाद रामेश्वरम से जब वानर सेना लंका जाने के लिए तैयार थी, तब भगवान राम ने रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा की थी और उनसे रावण पर जीत का आशीर्वाद मांगा था. मान्यता है कि वही रेत का शिवलिंग मौजूदा शिवलिंग में बदल गया था. यहां भगवान राम और माता सीता की भी पूजा की जाती है.
रूद्राक्ष माला पहने पीएम मोदी ने सुने भजन
एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से रामेश्वरम पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी गले में रूद्राक्ष माला पहने हुए थे. उन्होंने तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में रामेश्वर द्वीप पर स्थित पौरोणिक शिव मंदिर रामनाथस्वामी तीर्थ पर पूजा की. इस दौरान उन्हें मंदिर के पुजारियों की तरफ से पारंपरिक तरीके से सम्मानित किया गया. इसके बाद उन्होंने मंदिर में चल रहे भजन भी बैठकर सुने.
STORY | PM Modi takes holy dip in 'Agni theerth' beach; prays at Rameswaram temple
— Press Trust of India (@PTI_News) January 20, 2024
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श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर का भी है भगवान राम से नाता
रामेश्वरम आने से पहले पीएम मोदी तिरुचिरापल्ली स्थित श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर भी पहुंचे थे, जहां माना जाता है कि भगवान विष्णु स्वयं राम के रूप में विराजित हैं. पेरुमल और अजागिया मनावलन कहे जाने वाले श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर में ही कंब रामायण सबसे पहली बार प्रस्तुत की गई थी. मान्यता है कि भगवान विष्णु की शयन मुद्रा वाली यह मूर्ति ब्रह्मा जी ने भगवान राम के पूर्वजों को दी थी. भगवान राम इसे अपने साथ रखते थे. रावण के भाई विभीषण के उनसे अनमोल उपहार मांगने पर उन्होंने यह मूर्ति उन्हें भेंट में दी थी, लेकिन विभीषण के लंका पहुंचने से पहले ही यह मूर्ति श्रीरंगम में खुद ही स्थापित हो गई. इसके बाद से इनकी पूजा यहीं पर की जाती है.
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भगवान राम ने स्थापित किया था जो शिवलिंग, उसकी पूजा करने पहुंचे पीएम मोदी