डीएनए हिंदी: पितृ पक्ष में ति के अनुसार पितरों का पिंडदान किया जाता है. इसका मतलब ये होता है की किसी भी साल किसी भी महीने की जिस तिथि पर पितृ की मृत्यु हुई होती है पितृ पक्ष में उसी तिथि पर उनका पिंडदान किया जाता है, इसके अलावा कुछ खास तिथियों पर खास पितरों का श्राद्ध किया जाता है,
जैसे अविवाहितों, सन्यासी, अकाल मृत्यु को प्राप्त आदि लोगों का पिंडदान के लिए विशेष तिथि होती है. तो चलिए जानें की किसी तिथि पर किसके श्राद्ध का विधान होता है और इस बार वो तिथि किस दिन पद रही है.
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भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्धकर्म होंगे. इस बार श्राद्ध पक्ष 10 से 25 सितंबर तक रहेगा लेकिन 17 सितंबर को इस बार पिंडदान नहीं किया जाना है, बता दें कि ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान मृत पूर्वज पितृ लोक से निकलकर पृथ्वी पर इस आस से आते हैं की उनके वंशज उनका श्राद्ध करेंगे.
मृत्यु तिथि पता न हो तो कैसे करें श्राद्ध?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध हमेशा मृत्यु तिथि पर ही करना चाहिए यानी अगर किसी व्यक्ति को मृत्यु सप्तमी तिथि पर हुई है तो उसका श्राद्ध इसी तिथि पर करना श्रेष्ठ रहता है. लेकिन किसी की मृत्यु तिथि याद न हो तो उसका श्राद्ध अंतिम दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर करना चाहिए. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है. अगर किसी व्यक्ति की असमय मृत्यु हुई हो जैसे हत्या या दुर्घटना में तो उसका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर करना चाहिए.
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किस तिथि पर किया जाता है किसका श्राद्ध
10 सितंबर - प्रतिपदा का श्राद्ध- जिन बुजुर्गों की मृत्यु प्रतिपदा को हुई हो, उनका श्राद्ध अश्विन शुक्ल प्रतिपदा को ही किया जाता है.
11 सितंबर - द्वितीया का श्राद्ध- द्वितिया तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों का श्राद्ध इसी दिन किया जाता है.
12 सितंबर - तृतीया का श्राद्ध- जिन लोगों की मृत्यु तृतीया तिथि पर हुई है, उसका श्राद्ध इस दिन किया जाएगा.
13 सितंबर - चतुर्थी का श्राद्ध- जिनका देहांत चतुर्थी तिथि को हुआ है, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाएगा.
14 सितंबर - पंचमी का श्राद्ध- अविवाहित या पंचमी तिथि पर मृत्यु वालों का श्राद्ध पंचमी तिथि को होता है. इसे कुंवारा पंचमी श्राद्ध भी कहते हैं.
15 सितंबर - षष्ठी का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुई है, उनका श्राद्ध षष्ठी तिथि को किया जाता है.
16 सितंबर - सप्तमी का श्राद्ध- सप्तमी तिथि को चल बसे लोगों का श्राद्ध सप्तमी तिथि पर होगा.
17 सितंबर - इस दिन कोई श्राद्ध नहीं होगा.
18 सितंबर - अष्टमी का श्राद्ध- अष्टमी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों का श्राद्ध इस दिन किया जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Pitru Paksha 2022: माता-पिता और अकाल मृत्यु वालों का किस दिन होता है श्राद्ध, पहले इनका करें पिंडदान