डीएनए हिंदी: (Pitru paksha Upay) पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. हर साल की तरह इस साल भी पितृपक्ष 16 दिनों तक रहेंगे. माना जाता है कि इन दिनों में पितर पृथ्वी पर अपने परिवार के पास आते हैं. इस दौरान पितरों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे पितर प्रसन्न होकर अपने परिवार को उन्नति और आगे बढ़ने का आशीर्वाद देते हैं. इन दिनों में किए गए दान और भगवान के स्मरण से पितरों को शांति मिलती है. वहीं इस दौरान कुछ ऐसे काम भी हैं, जिन्हें करने से पितृ प्रसन्न होकर वंश वृद्धि करते हैं. पितरों के साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन वर्षा करती हैं. परिवार पर भगवान की कृपा पाते ही सभी संकट और कष्ट खत्म हो जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अगर आपके घर या कुंडली में पितृदोष है तो पितृपक्ष में इन 5 कामों को करने से मुक्ति मिल जाएगी. पितर प्रसन्न होंगे. साथ ही उनका अशीर्वाद प्राप्त होगा. घर में चल रही बड़ी से बड़ी समस्या खत्म हो जाएगी. घर से रोग दोष खत्म होने के साथ मां लक्ष्मी का वास होगा. आइए जानते हैं पितृपक्ष कौन से 5 काम करना शुभ होता है.
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श्रीमद्भागवत कथा सुनने और कराने से मिलता है लाभ
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पितृपक्ष में श्रीमद्भागवत कथा जरूर सुननी चाहिए. इसे कराने पर भी बड़ा पुण्य प्राप्त होता है. इसे पूर्वज प्रसन्न होते हैं. पुराने से पुराना पितृदोष दूर हो जाता है. पितृपक्ष के 16 दिनों में श्रीमद्भागवत कथा कराने या सुनने मात्र से ही वंश वृद्धि के साथ ही धन की वृद्धि भी होती है. पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है. हर काम बनता चला जाता है.
हर दिन जलाएं एक दीपक
पितृपक्ष के 16 दिनों तक सुबह और शाम के समय दक्षिण दिशा की तरफ एक दीपक जलाना चाहिए. दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की तरफ रखें. इसकी वजह पितरों का दक्षिण दिशा से ही 16 दिनों के लिए अपने परिवार के पास आना है. ऐसे में दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होते हैं. इस दिशा की तरफ मुख करके पितरों आह्वान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. सभी संकटों से मुक्ति के साथ सुख और शांति प्राप्त होती है.
हर रोज करें इस मंत्र का जप
पितृपक्ष के दौरान सुबह उठते ही नहाने के बाद और रात को सोने पहले इस एक मंत्र का ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:. जप जरूर करें. इसे पितरों की आत्मा को शांति मिलने के साथ ही उनका अशीर्वाद प्राप्त होता है. आपके काम से लेकर नौकरी में आ रही परेशानी और बाधाएं अपने आप खत्म हो जाती हैं.
हर दिन मुख्य द्वार की करें सफाई
पितृपक्ष में सुबह उठते ही घर के साथ ही मुख्य द्वार की सफाई जरूर करें. यहां गंगाजल का छिड़काव करें. इसे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. पितरों के साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. पितृदोष से मुक्ति मिलती है. लगातार 16 दिनों तक ऐसा करने से आत्मिक शांति और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. अधूरे पड़े काम भी पूर्ण होने लगते हैं.
गाय से लेकर कौआ और कुत्तों को दें रोटी
पितृपक्ष में खाना बनाते समय पहली रोटी गाय को खिलाएं. इसके साथ ही कुत्तों और कौओं के लिए भी रोटी निकालें. उन्हें रोटी खिलाएं. इसे पितृ प्रसन्न होते हैं. पितृदोष से मुक्ति मिलती है. पितरों की प्रसन्नता के साथ ही सभी कामों में सफलता प्राप्त होती है. चिंता और विकरों से मुक्ति मिल जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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पितृपक्ष में जरूर करने चाहिए ये 5 काम, वंश वृद्धि से लेकर पितरों संग मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद