Pitru Paksha Dosh 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष साल में सिर्फ एक बार आते हैं. 15 दिनों के लिए आने वाले पितृपक्ष को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि पितरों के नाराज होने पर व्यक्ति को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है. किसी बात से रूठ जाने पर तरक्की में बाधा आती है. व्यक्ति का बुरा समय शुरू हो जाता है. अगर आप भी इन्हीं सब समस्याओं को झेल रहे हैं तो पितृपक्ष में अपने पितरों को मना सकते हैं. माना जाता है कि पितृपक्ष के बीच 15 दिनों के लिए पितर धरती पर आते हैं. वह अपने परिवार के सदस्यों के बीच पहुंचते हैं. इस दौरान परिवार द्वारा किया गया पितरों का दर्पण और श्राद्ध से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं. पितर दोष भी दूर हो जाता है. इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक रहेंगे. इनमें कुछ उपाय आजमाकर ही आप पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं. आइए जानते हैं पितृदोष से होने वाली घटनाएं और इसके उपाय...
ये घटनाएं बताती हैं पितृदोष
संतान की उत्पत्ति में बाधा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आपके घर में संतान नहीं हो रही है. इसमें बार बार कोई बाधा आ रही है तो समझ लें कि आप के घर पर पितृदोष लगा हुआ है. पितृदोष संतान उत्पत्ति में बाधा पैदा करती है. ऐसे में वंश वृद्धि रुक जाती है. ऐसी स्थिति में पितृदोष से मुक्ति के उपाय जरूर करने चाहिए.
घर के आंगन में पीपल का उगना
आपके घर के आंगन में अचानक ही पीपल का पेड़ उग गया है तो यह पितृदोष का संकेत देता है. इसके अलावा घर की दीवारों में दरार आने से लेकर गमलों में पीपल का पौधा उगना पितृदोष का संकेत देता है, जो अशुभ माना जाता है. इससे मुक्ति के लिए व्यक्ति को अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहिए. इसके लिए जो भी उपाय हैं, वह जरूर आजमाने चाहिए.
काम में बाधा या संकट
अगर किसी भी व्यक्ति के व्यापार या नौकरी में संकट आ रही है. किसी वजह से बार बाार घाटा और तरक्की नहीं हो पा रही है तो पितृदोष लगता है. कई बार मेहनत करने के बाद भी फल नहीं प्राप्त होता है. ऐसे में अपने पितरों को मनाएं. इससे पितृदोष से मुक्ति मिल जाएगी.
घर में अचानक से कुछ घटनाओं का घटना भी पितृदोष
घर में अचानक होने वाली कई बड़ी घटनाएं पितृदोष को दर्शाती है. अगर आपके घर में अचानक से बार बार दुर्घटनाएं हो रही है तो इन्हें इग्नोर न करें. पितरों का श्राद्ध और तर्पण करें. इससे आपको मुक्ति मिल जाएगी.
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
पितृपक्ष में तर्पण, पिंडदान, शुद्ध विचार और कर्म करने चाहिए. इसके साथ ही पितरों की शांति के लिए भोजन और जल अर्पित करें. इसके साथ ही पितर और पूर्वजों की तस्वीर पर जमी धूल को हटा दें. इस पर माला चढ़ाएं. साथ ही दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीपक जरूर जलाएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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पितृदोष की वजह से घटती हैं ये 5 घटनाएं, जानें इनसे मुक्ति के उपाय