डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है और इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर होता है. ऐसे में इस बार पितृपक्ष (Pitru Paksha 2023 Date) 29 सितंबर 2023 से शुरू होगा और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. इसके अलावा इस दौरान दान धर्म करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि व्यक्ति की आत्मा को उसके कर्मों के आधार पर (Shradh 2023) स्वर्ग या नरक में स्थान मिलता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के दौरान अगर व्यक्ति के पास ये चीजें हो तो इंसान को सीधा बैकुंठ प्राप्त होता है. बता दें कि गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु की घटनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. इसमें सद्गति प्राप्ति के कुछ उपायों का भी जिक्र मिलता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

भगवत गीता

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के समय अगर भगवत गीता का पाठ व्यक्ति को सुनाया जाए तो वह इंसान आसानी से प्राण त्याग सकता है और यमदूत उसे छू नहीं सकते. इससे व्यक्ति को सीधा स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है.

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तुलसी

हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है और तुलसी की पत्तियां को बेहद शुभ माना जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर इसकी पत्तियां मौत के समय मरने वाले व्यक्ति के मुंह में रख दिया जाए तो व्यक्ति का अंत सुखमय होता है और उसकी आत्मा को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है.

तिल

हिंदू शास्त्रों के अनुसार तिल भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न होने के कारण पवित्र होता है और इसलिए जब भी किसी इंसान की मृत्यु का समय निकट आता है तो उसके हाथ से तिल का दान जरूर करवाया जाता है. बता दें कि तिल का दान बहुत बड़ा दान माना जाता है और यह दान करने पर असुर, दैत्य और दानव दूर ही रहते हैं. इसके अलावा मरने वाले के सिरहाने हमेशा काले तिल रखने चाहिए.

कुश

कुश एक प्रकार की घास होती है और इसके बिना ईश्वर की पूजा भी अधूरी है. मान्यता है कि कुश भगवान विष्णु के रोम से उत्पन्न हुई है. मृत्यु के समय उस इंसान को कुश का आसन बिछाकर लिटा देना चाहिए. इसके बाद माथे पर तुलसी का पत्ता रखना चाहिए. बता दें कि किसी इंसान के मरने से पहले ये उपाय कर लिए जाए तो श्राद्धकर्म के बिना ही उसे स्वर्ग में स्थान मिल जाता है.

गंगाजल

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब इंसान की मृत्यु का समय नजदीक आय तो उसके मुंह में थोड़ा सा गंगाजल डाल देना चाहिए. क्योंकि विष्णु जी के कमल चरणों से निकली गंगा पापों का नाश करती है और पापों का नाश होते ही इंसान को बैकुंठ प्राप्त करने का अधिकार मिल जाता है. यही वजह है कि अंतिम संस्कार के बाद गंगा में अस्थियों को विसर्जित किया जाता है. मान्यता है कि जब तक ये अस्थियां गंगा में रहती हैं इंसान तब तक स्वर्ग का सुख भोगता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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pitru paksha 2023 5 auspicious things tulsi gangajal may take you heaven during death garud puran ke upay
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मृत्यु के वक्त पास हों ये 5 चीजें तो सीधा बैकुंठ में मिलता है स्थान
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मृत्यु के वक्त पास हों ये 5 चीजें तो सीधा बैकुंठ में मिलता है स्थान

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मृत्यु के वक्त पास हों ये 5 चीजें तो बैकुंठ में मिलता है स्थान, पापों से मिलती है मुक्ति 

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