डीएनए हिंदी: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के कई नियम व परंपराएं हैं. ऐसी ही एक अनिवार्य परंपरा है पूजा-पाठ करते समय में भगवान की परिक्रमा करने की, जिसका पालन आज भी किया जाता है. परिक्रमा को प्रभु की उपासना करने का एक माध्यम माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परिक्रमा से पापों का नाश होता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान की मूर्ति और मंदिर की परिक्रमा हमेशा दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए क्योंकि मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है.

इस वजह से परिक्रमा को प्रदक्षिणा भी कहते हैं. ऐसे में बाएं हाथ की ओर से परिक्रमा शुरू करने पर इस सकारात्मक ऊर्जा से हमारे शरीर का टकराव होता है जिसकी वजह से परिक्रमा का लाभ नहीं मिल पाता है. सनातन धर्म में सिर्फ देवी-देवताओं की मूर्तियों की ही नहीं बल्कि गर्भगृह, अग्नि, पेड़ की भी परिक्रमा की जाती है. इसके अलावा नर्मदा, गंगा आदि नदियों की भी परिक्रमा की जाती है. कुछ मंदिरों में तो परिक्रमा पथ भी बनाए जाते हैं.

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किस देवी-देवताओं की कितनी बार की जाती है परिक्रमा

शास्त्रों में देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग तरह की परिक्रमा का विधान है. मान्यता है जो लोग पवित्र स्थलों की दंडवत परिक्रमा करते हैं उन्हें दस अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं किस देवी-देवताओं की कितनी बार परिक्रमा करनी चाहिए ताकि उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त हो सके.

भगवान शंकर की हमेशा आधी परिक्रमा ही करनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार शंकर भगवान के सोम सूत्र का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. शंकर जी को चढ़ाए जाने वाले जल या दूध की धारा जहां से बहती हो उसे सोम सूत्र कहते हैं, इसे कभी भी लांघना नहीं चाहिए.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की परिक्रमा केवल एक बार ही करनी चाहिए. 

सूर्य देव की परिक्रमा सात बार करना चाहिए. सूर्य देव की परिक्रमा करते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते है.

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धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार गणेश जी की परिक्रमा तीन बार करनी चाहिए. इसके अलावा परिक्रमा करते समय भगवान गणेश का नाम जपना चाहिए. 

विष्णु भगवान की परिक्रमा चार बार करनी चाहिए. परिक्रमा करते समय सहस्त्रनाम या विष्णु नाम जपने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है.

इसके अलावा शास्त्रों में अन्य देवी-देवताओं की परिक्रमा  के विधान का कहीं उल्लेख नहीं मिलता, ऐसे में अन्य देवी देवताओं की परिक्रमा तीन बार करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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Parikrama Niyam know how many pradakshina for which deity parikrama kaise karein
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देवी-देवताओं की परिक्रमा के हैं कुछ नियम, किसकेेे कितनी बार लगाएं चक्कर
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किस देवी-देवता की कितनी बार की जाती है प्रदक्षिणा जानिए यहां

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Parikrama Niyam: देवी-देवताओं की परिक्रमा के हैं कुछ नियम, क्यों की जाती है प्रदक्षिणा