डीएनए हिंदी: (Padmini Ekadashi 2023) हिंदू धर्म में सावन के महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इसकी वजह सावन में महादेव की सीधी कृपा होना है. सावन में अधिकमास होना और भी शुभ होता है. इसके साथ ही महीने में आने वाली एकादशी का लाभ भी बढ़ जाता है. महीने में दो एकादशी मनाई जाती है. इनमें पहली एकादशी 12 जुलाई और दूसरी यानी पद्मिनी एकादशी 28 जुलाई को पड़ेगी. पद्मिनी एकादशी का बड़ा महत्व होता है. इसमें व्रत रखने के व्यक्ति के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं. आइए जानते हैं इस एकादशी पर पूजा अर्चना करने का शुभ मुहूर्त और महत्व...
पद्मिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (Padmini Ekadashi Shubh Muhurat)
हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन माह में आने वाली पद्मिनी एकादशी इस बार 29 जुलाई को है. हालांकि एकादशी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर होगी, जो अगले दिन यानी 29 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में 29 जुलाई को ही पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसमें सुबह 9 बजकर 33 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा. इसके बाद इंद्र योग लग जाएगा. इस दौरान अगर आपको कोई शांतिपूर्ण कार्य करना है तो यह बहुत ही शुभ समय है.
पद्मिनी एकादशी व्रत की पूजा-विधि (Padmini Ekadashi Pooja Vidhi)
पद्मिनी एकादशी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर लें. इसके बाद सूर्योदय होते ही भगवान सूर्य देव का जल अर्पित करें. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना करें. भगवान को धूप, दीप, अक्षत, चंदन और फूल चढ़ाएं. इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ और माता की आरती जरूर करें. पूरे दिन व्रत रखने के बाद अगले दिन यानि द्वादशी में व्रत का पारण करें. इस दिन पूजा पाठ करने के साथ-साथ दान जरुर करें. इसका आपको शुभ फल मिलेगा. इस दिन मंदिर जरुर जाएँ और श्री हरि विष्णु जी का आशीर्वाद जरुर लें.
पद्मिनी एकादशी व्रत पारण (Padmini Ekadashi Vrat Paran)
पद्मिनी एकादशी व्रत का पारण 30 जुलाई को द्वादशी तिथि में सुबह 5 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 मिनट के बीच कर सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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अधिकमास में इस दिन है पद्मिनी एकादशी, जानें तारीख, शुभ-मुहूर्त और व्रत रखने का महत्व