डीएनए हिंदीः क्या आपको पता है कि नवरात्रि पर अगर आपने देवी पूजा विधिवत की और हर मंत्र का सही उच्चारण किया, फिर भी आपको पूरा पुण्य लाभ नहीं मिलेगा अगर आपने कन्याओं का पूजन नहीं किया.
नवरात्रि में कन्या पूजन किस उम्र की कन्या या कितनी संख्या में हो रही है उसका फल उसी अनुसार मिलता है. इसलिए नवरात्रि में
अगर आप किसी विशेष मनोकामना के साथ कन्या पूजन कर रहे हैं तो आपको कन्या की उम्र ही नहीं, संख्या का भी ध्यान रखन होगा तो चलिए आपको आज कन्या पूजन की संपूर्ण विधि के साथ कुछ और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दें.
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कन्या पूजन की संपूर्ण विधि पहले जानें
सर्वप्रथम यह तय कर लें कि कन्या का पूजन प्रतिदिन नवरात्रि में करना है या अष्टमी और नवमी को ही करन है. अगर आपकी कोई विशेष कामना है तो आपको सर्वप्रथम यह जान लेना चाहिए कि नवरात्रि के प्रतिदिन कन्याओं का दिन के अनुसार पूजन करना चाहिए. तो चलिए पहले कन्या पूजन का विधान जान लें.
- स्नान के बाद देवी पूजा करें और तब तक उपवास करें जब तक कन्याओं की पूजा न कर लें.
- कन्या पूजन के लिए प्रसाद में खीर, पूरी, हलवा और चना जरूर बनाएं.
- कन्याओं के आने पर सबसे पहले उनके पैर अपने हाथ से धुलें और और उन्हें बैठने के लिए आसन दें.
- इसके बाद प्रत्येक कन्या के पैर में महावर लगांए और माथे पर टीका लगा कर हाथ में रक्षाधागा बांधें.
- इसके बाद प्रत्येक कन्या को भोजन कराएं.
- कन्याओं के एक साथ एक या दो छोटे बालक भी जरूर रखें और उनका भी आदर सत्कार कन्याओं की तरह ही करें.
- कन्याओं को विदा करते से पहले उनका पैर छूएं और साथ में वस्त्र और दक्षिणा जरूर दें.
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कन्या पूजन का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन जरूरी होता है और इसे दो बालक भी होने चाहिए लेकिन नवरात्रि के पहले से आखिरी दिन के बीच कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या दिन अनुसार बढ़ानी चाहिए. जैसे पहले दिन एक दूसरे दिन दो और नौवें दिन नौ. एक कन्या के पूजन से लेकर नौ कन्या के पूजन तक भक्त को क्या पुण्यफल मिलता है चलिए जानें.
- एक कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
- दो कन्याओं का पूजन करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- तीन कन्याओं का पूजन करने से अर्थए धर्म और काम की प्राप्ति होती है.
- चार कन्याओं का पूजन करने से राज्यपद की प्राप्ति होती है.
- पांच कन्याओं का पूजन करने से विद्या की प्राप्ति होती है.
- छह कन्याओं का पूजन करने से छह प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है.
- सात कन्याओं का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- आठ कन्याओं का पूजन करने से सुख. संपदा की प्राप्ति होती है.
- नौ कन्याओं का पूजन करने से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है.
नोटः नवरात्रि पूजा में कन्याओं की उम्र छह महीने से 9 साल तक होनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Navratri : नवरात्रि में कन्या पूजन की ये है संपूर्ण विधि, विशेष फल के लिए करें ऐसे कुमारी पूजा