Muharram 2024: आज मुस्लिम समुदाय के लोगों का खास पर्व मुहर्रम मनाया जा रहा है. इस दिन लोग जुलूस निकालते हैं और मातम मनाते हैं. आज का दिन आशूरा (Ashura) के तौर पर मनाया जाता है. मुहर्रम हजरत इमाम हुसैन (Hazrat Imam Hussain) के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मुस्लिम लोग धूमधाम से ताजिया निकालते हैं. युवा हैरतअंगेज करतब करते हैं और छाती पीटकर शोक बनाते हैं.
कश्मीर के पुंछ में निकाला गया मातमी जुलूस
कश्मीर के पुंछ में शिया समुदाय के युवा, बच्चों और बुजुर्गों ने मातमी जुलूस में हिस्सा लिया. पुंछ में बीते मंगलवार नौवें मुहर्रम पर आशूरा का मातमी जुलूस निकाला गया. जुलूस के लिए शिया समुदाय के लोग एकत्रित हुए.
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लखनऊ और वाराणसी में भी जुलूस का माहौल
धर्म नगरी काशी में भी मुहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा है. आज यौने आशूरा पर बुधवार के दिन यहां पर सड़कों पर लोग मातमी जुलूस निकालेंगे. आज सड़कों पर या हुसैन की सदा गुंजेगी. लखनऊ में भी मुहर्रम के जुलूस को लेकर तैयारियां चल रही हैं.
#WATCH | Uttar Pradesh: Muslim believers carry Tazias to cemeteries and bury them there, as they observe #Muharram2024.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2024
Visuals from Lucknow. pic.twitter.com/0LhYqNzzfY
मुहूर्रम का महत्व
इस्लाम की धर्म मान्यताओं के मुताबिक, करीब 1400 साल पहले बादशाह यजीद ने हजरत इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में कैद कर लिया था. बादशाह यजीद ने हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों को भूखा-प्यासा जिससे उनकी मौत हो गई. इस जिन ताजिया निकाले जाते हैं जिसे हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र का प्रतीक माना जाता है. ताजिया को रंग-बिरंगे कागज से मकबरे के आकार में बनाया जाता है. मुहूर्रम पर युवा हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं और छाती पीटकर शोक बनाते हैं.
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मुहर्रम पर जगह-जगह निकल रहे ताजिये, पुंछ से लखनऊ, वाराणसी तक मातमी जुलूस