Mangalwar Ke Upay And Mantra: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान का प्रिय माना जाता है. सप्ताह के हर दिन भगवान को समर्पित होते हैं. इनमें मंगलवार बजरंगबली का प्रिय है. इस दिन न सिर्फ बजरंगबली की पूजा अर्चना करनी चाहिए. उनसे जुड़े कुछ मंत्र और स्तोत्र करने मात्र से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति के जीवन पर पड़ रहे अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है. मंगलवार के दिन व्रत रखने और पूजा अर्चना करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. बजरंगबली बेहद प्रसन्न होते हैं. इससे कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है. अगर आप नियमित रूप से मंगलवार को पाठ करेंगे तो इससे जीवन में चल रही समस्याएं खत्म हो जाएगी.
अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है या फिर मंगल की स्थिति कमजोर है. खूब मेहनत करने के बाद भी सफलता प्राप्त नहीं हो पा रही है तो ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार के अनुसार, आज से ही मंगलवार के दिन मंगल ग्रह कवच और मंगल स्तोत्र का पाठ शुरू कर दें. जीवन में कई शुभ और प्रभावशाली बदलाव आने लगेंगे.
मंगल ग्रह कवच
रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् .
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ..
अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः .
श्रवौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ..
नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः .
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ..
वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु लोहितः.
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ..
जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा.
सर्वण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ..
या इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रु निवारणम् .
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्व सिद्धिदम् ..
सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम् .
भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ..
रोगबंधविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ..
मंगल स्तोत्र
धरणीगर्भसंभूतं विद्युतेजसमप्रभम .
कुमारं शक्तिहस्तं च मंगलं प्रणमाम्यहम ..
ऋणहर्त्रे नमस्तुभ्यं दु:खदारिद्रनाशिने .
नमामि द्योतमानाय सर्वकल्याणकारिणे ..
देवदानवगन्धर्वयक्षराक्षसपन्नगा: .
सुखं यान्ति यतस्तस्मै नमो धरणि सूनवे ..
यो वक्रगतिमापन्नो नृणां विघ्नं प्रयच्छति .
पूजित: सुखसौभाग्यं तस्मै क्ष्मासूनवे नम:..
प्रसादं कुरु मे नाथ मंगलप्रद मंगल .
मेषवाहन रुद्रात्मन पुत्रान देहि धनं यश:..
मंगल वैदिक मंत्र
ऊँ अग्निमूर्धादिव: ककुत्पति: पृथिव्यअयम अपा रेता सिजिन्नवति.
मंगल तांत्रिक मंत्र
ऊँ हां हंस: खं ख:
ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नम:
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
मंगल एकाक्षरी बीज मंत्र
ऊँ अं अंगारकाय नम:
ऊँ भौं भौमाय नम:..
मंगल ग्रह मंत्र
ऊँ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम .
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ..
मंगल गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्..
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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