महाशिवरात्रि भगवान शिव के सबसे प्रिय दिनों में से एक है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. यही वजह है कि इस दिन शिव भक्त बड़े ही उत्साह और विधि पूर्वक महादेव की पूजा अर्चना करते हैं. शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगा जाती है. इसबीच आपको बता दें के महादेव की ज्यादातर मंदिर प्राचीन हैं. कई शिवलिंग हैं, जो कई युगों से पृथ्वी पर मौजूद हैं. इनमें खासकर काशी को महादेव की नगरी माना जाता है. यहां कई सारे प्राचीन मंदिर हैं. सभी की अपनी अलग विशेषता है. ऐसी ही एक कहानी वाराणसी में बसे सारंगनाथ मंदिर की है.भगवान शिव के साथ उनके साले की पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया जाता है. बताया जाता है कि यहां भगवान शिव अपने साले सती के भाई सारंग ऋषि के साथ विराजमान हैं. 

पहला ऐसा मंदिर जहां एकसाथ मौजूद हैं दो शिवलिंग

वाराणसी में स्थित सारंगनाथ मंदिर ही एक है, जहां एक साथ दो शिवलिंग मौजूद हैं. इनके अलावा दुनिया में आपको एक साथ दो शिवलिंग नहीं मिलेंगे. वहीं ये दोनों शिवलिंग स्वयंभू हैं. यह शिवलिंग त्रेता युग से हैं. इन्हें स्थापित नहीं किया गया है. इस मंदिर का नाम भी महादेव और उनके साले पर पड़ा है. आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी

यह है दोनों​ शिवलिंग के एक साथ होने की वजह

इस मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सारंगनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग किसी के द्वारा स्थापित नहीं किये गये हैं. ये स्वयंभू हैं. इसके पीछे की एक कहानी है, जिसमें बताया गया है कि सती के भाई सांरग ऋषि को भगवान शिव से वरदान मिला था. इसी के चलते उन्हें महादेव के साथ ही पूजा जाता है. बताया जाता है कि सारंग ने ऋषि ने अपनी बहन सती की शादी महादेव से होने का विरोध किया था. हालांकि वो बाद में वो मान गए, लेकिन उन्होंने एक महल बनवाने की चेष्ठा की थी, जहां पर महादेव और उनकी बहन रह सकें. 

महादेव ने सारंग ऋषि को दिया ये वरदान

मान्यता है कि सारंग जब अपने मन की बात महादेव से कहने वाले थे. उससे पहले उन्हें एक सपना दिखाई दिया. इसमें भोलेनाथ की नगरी काशी थी. इस स्वपन के बाद ही सारंग ऋषि को अपनी भूल का एहसास हो गया. वे बाबा विश्वनाथ की तपस्या में जुट गये. महादेव उनकी तपस्या से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने सारंग ऋषि को अपने साथ ही विराजमान होने का वरदान दिया. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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काशी के इस मंदिर में अपने साले के साथ विराजमान हैं महादेव
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Mahashivartri 2025 Sarangnath Temple
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काशी के इस मंदिर में अपने साले के साथ विराजमान हैं महादेव, यहां एक साथ दो शिवलिंग पर किया जाता है जलाभिषेक

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