डीएनए हिंदी: Mahagauri Sandhya Aarti and Mantra- नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है. इस दिन को अष्टमी कहते हैं. यह दिन पूरे नवरात्र में बहुत ही खास होता है. इस दिन सिर्फ सुबह ही पूजा नहीं होती बल्कि मध्य रात्रि को भी आरती और पूजा होती है. अष्टमी के दिन पुष्पाजंलि का नियम भी है.

मां महागौरी की महिमा

वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग बेहद गौरा है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था. महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव वाली हैं. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है.

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नवरात्रि अष्टमी 2022 मुहूर्त (Navratri Ashtami 2022 Muhurat)

नवरात्रि महा अष्टमी तिथि शुरू- 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
अष्टमी तिथि समाप्त - 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37
सन्धि पूजा मुहूर्त - शाम 04:13 - शाम 05:01 (Navratri sandhi Puja muhurat 2022)

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 04.43
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.52 - दोपहर 12.39
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05.59 - शाम 06.23
अमृत काल - शाम 07.54 - रात 09.25
शोभन योग - 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 - 03 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22

अष्टमी पर बीज मंत्र जाप की विधि (Ashtami Mantra)

अष्टमी के दिन तुलसी या लाल चंदन की माला से मां महागौरी के बीज मंत्र का  1100 बार जाप करना श्रेष्ठ होता है. मान्यता है इससे समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

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आरती 

जय महागौरी जगत की माया ।

जय उमा भवानी जय महामाया ॥

हरिद्वार कनखल के पासा ।

महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥

सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया

उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥

'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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नवरात्रि के आठवें दिन करें संध्या आरती, बीज मंत्र के जाप का मिलेगा फल
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Sandhya Aarti: नवरात्रि के आठवें दिन करें संध्या आरती, बीज मंत्र के जाप से मिलेगा फल