डीएनए हिंदीः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्‍मी (Maa  Laxmi ) धन और संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं. मां लक्ष्मी की  पूजा से धन, वैभव, सौभाग्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, शील, विद्या, विनय, ओज, गाम्भीर्य और कांति की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में सुख-शांति व खुशहाली बनी रहती है.

मान्यता है कि देवराज इन्द्र (Devraj Indra) ने महालक्ष्मी का आशीर्वाद और उनकी कृपा पाने के लिए प्रार्थना स्तोत्र (Maa  Laxmi Strot) की रचना की थी. दिवाली के दिन घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में इस दिन देवराज इंद्र द्वारा रचित ‘महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र’  (Maa Mahalaxmi Kripa Stotra) पढ़कर आप आसानी से मातारानी की कृपा के पात्र बन सकते हैं. इसके अलावा इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे सिद्ध मंत्रों के बारे में भी बताएंगे जिनके जाप से महालक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं.


देवराज इंद्र ने रचा था 'महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र' (Indra Rachit Maa Laxmi Kripa Prarthana Stotram)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार इंद्र ऐरावत हाथी पर सवार होकर कहीं जा रहे थे. तभी राह में उन्हें दुर्वासा ऋषि मिले. ऋषि ने इंद्र को भेंट स्वरूप अपने गले में पड़ी एक माला दी जिसे देवराज इंद्र ने हाथी की सूंड में डाल दिया कुछ समय बाद हाथी ने सूंड से माला उतारकर पृथ्वी पर फेंक दिया. इससे ऋषि दुर्वासा नाराज हो गए और उन्होंने इंद्र को श्राप दिया कि तुमने लक्ष्मी जी का अपमान किया है, इसलिए तुम लक्ष्मीविहीन हो जाओगे. इस श्राप की वजह से इंद्र लक्ष्मीविहीन हो गए. जब ऐसा हुआ तो सभी देवी-देवताओं ने मां लक्ष्मी की प्रार्थना की जिससे प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी प्रकट हुईं.  फिर देवराज इंद्र ने इस स्तोत्र से मां लक्ष्मी की महिमा का गान किया.

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इंद्र द्वारा रचित मां लक्ष्मी का चमत्कारिक स्तोत्र

देव राज इंद्र द्वारा रचित इस चमत्कारिक स्तोत्र का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, दिवाली के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से मां लक्ष्मी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है. 

स्तोत्र- 

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।1।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।2।।

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।3।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।4।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।5।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।6।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।7।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।8।।

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।9।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।10।।

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।

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इसके अलावा इन मंत्रों का करें जाप

समृद्धि के लिए के लिए 

'पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्'

धन प्राप्ति के लिए

 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:'

बाधा दूर करने के लिए 

'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:'

कर्ज से मुक्ति के लिए

'ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:'

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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दिवाली की रात पढ़ें देवराज इंद्र द्वारा रचित महालक्ष्मी स्तोत्र
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दिवाली की रात पढ़ें देवराज इंद्र द्वारा रचित महालक्ष्मी स्तोत्र

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दिवाली की रात पढ़ें देवराज इंद्र द्वारा रचित महालक्ष्मी स्तोत्र, कभी नहीं होगी धन-धान्य की कमी