डीएनए हिंदी: भगवान श्रीकृष्ण की सूरत और लीलाएं हर किसी का मन मोह लेती हैं. उनकी बाल लीलाओं से लेकर महाभारत युद्ध में पांडवों को जीताने का वर्णन आज तक किया जाता है. श्री कृष्ण बचपन से ही नटखट थे. वह भगवान होते हुए भी ऐसे कई काम करते थे, जिन्हें लोग गलत मानते हैं, लेकिन भगवान जो भी करते थे. इसके पीछे जरूर कुछ न कुछ राज होता था. ऐसा ही कई राज श्री कृष्ण की माखन चोरी से लेकर मटकी फोड़ने तक शामिल हैं. इतना ही नहीं भगवान माखन खाने के साथ जमीन पर भी गिराते थे. बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण की इन सभी लीलाओं का संबंध उनके मामा कंस थे. आइए जानते हैं. भगवान की सभी लीलाओं के पीछे का कारण...
माखन चोर लेकर लड्डू गोपाल तक दिए गये नाम
भगवान श्रीकृष्ण की अलग अलग लीलाओं के अनुसार उनके नाम भी कई सारे हैं. कोई उन्हें माखन चोर कहकर बुलाता है तो कोई लड्डू गोपाल जी और माधव. इन सभी के बीच भगवान की लीलाएं अलग और निराली होती थी. हालांकि भगवान श्री कृष्ण के द्वापर में जन्म लेने से लेकर महाभारत युद्ध में आने तक पीछे उनका सार छिपा हुआ है. आज भी भगवान की अलग अलग रूपों में पूजा की जाती है. उन्हें अलग अलग नामों से पुकारा जाता है.
इसलिए माखन चुराते थे भगवान श्री कृष्ण
अपने बचपन के समय में श्रीकृष्ण को माखन चोर भी कहा जाता था. इसकी वजह श्री कृष्ण को माखन खाना बेहद पसंद होना था. वह अपने घर में माखन भरा रखा होने के बाद भी मित्रों संग माखन चोरी करके खाया करते थे. बताया जाता है कि इसकी वजह उनके मामा कंस से जुड़ी हुई है. श्री कृष्ण का मामा कंस टैक्स के रूप में ब्रज वासियों से ढेर सारा दूध, माखन और घी वसूलता था. इसी के विरोध में भगवान श्री कृष्ण साथियों संग माखन चोरी कर खा लेते थे. इसके बाद प्रभु मटकी को फोड़ भी देते थे. उनका मानना था कि ब्रज के लोगों की मेहनत का हकदार वहीं के लोग हैं. इसलिए वह माखन को चोरी कर दोस्तों को खिला देते थथे.
माखन क्यों बिखरते थे भगवान
भगवान श्री कृष्ण माखन चोरी करने के साथ ही बिखेर भी देते थे. कथाओं की मानें तो भगवान श्री कृष्ण अपने बाल्य काल में माखन चुराते थे. तब वह छिंके पर टंगा होता था. ऐसे में भगवान उसे उतारते थे. इसके साथ ही माखन को खाने और मित्र मंडली को खिलाते समय माखन जमीन पर गिर जाता था. वह ऐसा जानबूझकर नहीं करते थे. वहीं श्री कृष्ण यह लीला धरती मां का भी पसंद थी.
माखन मिश्री है बेहद पसंद
भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री बहुत ही पसंद है. इसकी वजह मिश्री माखन के साथ आसानी से घुल जाती है. इससे माखन मीठा हो जाता है. भगवान श्री कृष्ण का स्वभाव भी ऐसा ही था. वह अपने भक्तों के प्यार में खो जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान का यह भोग प्रसाद उनके स्वभाव और लोगों को अपने रंग में रंगने का ही संकेत देता है. जिस तरह माखन मिश्री एक साथ समाहित हो जाते हैं. ठीक उसी तरह व्यक्ति को भी स्वभाव और भगवान के नाम में ऐसा रम जाना चाहिए.
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श्रीकृष्ण के माखन चुराने से लेकर मटकी फोड़ने तक का मामा कंस से था संबंध, जानें क्यों ऐसा करते थे भगवान