डीएनए हिंदी: भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) से एक दिन पहले पंजाबियों का मशहूर त्योहार लोहड़ी (Lohri 2023) मनाया जाता है. इस दिन लोग अग्नि में रेवड़ी, तिल, गुड़, गेंहूं की बालियां, डालकर अच्छी फसल के लिए सूर्य और अग्नि देव को आभार प्रकट करते हैं.
लोहड़ी त्योहार (Lohri Festival) के बारे में तो आप बहुत कुछ जानते होंगे. हालांकि आज हम आपको लोहड़ी त्योहार से जुड़ी एक मान्यता के बारे में बताने वाले हैं. दरअसल, एक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि लोहड़ी (Lohri 2023) की रात साल की सबसे लंबी रात होती है तो चलिए आपको लोहड़ी के महत्व (Lohri Significance) और लोहड़ी की रात लंबी क्यों होती है इसके बारे में बताते हैं.
लोहड़ी मुहूर्त (Lohri Muhurat)
लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस साल 14 जनवरी 2023 को रात 8 बजकर 21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. हालांकि हिंदू धर्म में सूर्योदय तिथि को महत्व दिया जाता है इसलिए मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाई जाती है. मकर संक्रांति 15 जनवरी को है इसलिए लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 57 मिनट पर है.
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लोहड़ी पर होती है सबसे लंबी रात (Lohri Longest Night Of Year)
मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन सूर्य की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर हो जाती है. मकर संक्रांति के बाद से सूर्य उत्तर की दिशा में बढ़ने लगते है. इसके बाद से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. इसे सूर्य का दक्षिणायण से उत्तरयाण होना कहते है. यहीं वजह है कि मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी की रात सबसे बड़ी होती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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Lohri Longest Night: लोहड़ी पर होती है साल की सबसे लंबी रात, जानें इसके पीछे क्या है वजह