डीएनए हिंदीः मृत पूर्वजों का आशीर्वाद हो या श्राप, दोनों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. यदि हमारे पूर्वज हमसे प्रसन्न हैं तो उनके आशीर्वाद से हमें जीवन में सुख और सफलता मिल सकती है. पुनः यदि मृत पूर्वज किसी कारण से नाराज हों तो कुंडली में पितृदोष का निर्माण होता है.
इस पितृ दोष के प्रभाव से जीवन में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस दोष के कारण करियर, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, रिश्ते आदि प्रभावित होते हैं. पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन में भगवान के आशीर्वाद की तरह ही बहुत महत्वपूर्ण होता है. पितृ दोष के प्रभाव में अगर कोई जातक हो तो उसके जीवन में ये घटनाएं होती रहती हैं. इन संकेतों से आप समझ सकेंगे की आपकी कुंडली में पितृदोष है.
पितृ दोष का कारण
ऐसा नहीं है कि जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ही पितृदोष उत्पन्न होता है, बल्कि कई बार ये हमारे दिवंगत पूर्वज की नाराजगी से भी होता है. पूर्वजों के प्रति असंतोष ही पितृदोष का निर्माण करता है. यदि जन्म के समय पिता अशुभ हो तो जातक लाख कोशिशों के बावजूद भी वांछित सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है. वह अपना जीवन कष्ट सहते, काम करते और लड़ते हुए बिताता है. उन्हें विभिन्न प्रकार की वैवाहिक अशांति, आर्थिक तंगी, बीमारी, खुशी और बाधाओं में पड़ना पड़ता है.
पितृ दोष के संकेत
1-अगर घर में किसी सदस्य की अचानक मृत्यु हो जाए या किसी का एक्सीडेंट हो जाए तो आप समझ जाएं कि कुंडला में पितृ दोष है. कई बार छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी पितृदोष का संकेत होती हैं.
2-यदि परिवार का कोई सदस्य किसी दीर्घकालिक बीमारी से पीड़ित है, तो यह पितृ दोष का संकेत होता है.
3-परिवार में बीमार या दिव्यांग बच्चे का जन्म भी पितृ पाप का सूचक माना जाता है.
4- यदि संतान असभ्य है, बड़ों का अनादर करने वाली है, घर में अशांति फैलाती है तो समझ लीजिए कि आप पितृ दोष के वशीभूत हैं.
5-यदि किसी विवाह योग्य युवती के विवाह में बार-बार बाधा आती है तो यह पितृ दोष का अशुभ संकेत है .
6-बच्चे को जन्म न दे पाना भी पितृ दोष का प्रतीक है.
7-शराब, नशीली दवाओं जैसे हानिकारक व्यसनों का आदी होना भी पितृ दोष का ही संकेत होता है.
पितृसत्ता को रोकने के उपाय
पितृदोष से मुक्ति के लिए माता-पिता के बीच तर्पण और पिंडदान करना बहुत जरूरी है. इन 15 दिनों में किसी सत् ब्राह्मण को भोजन कराएं. अश्वत्थ वृक्ष के नीचे जल, फूल, दूध और काले तिल चढ़ाएं. यदि आप जिस व्यक्ति के नाम पर श्राद्ध करेंगे उसकी मृत्यु की सही तारीख नहीं पता है तो श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तिथि को तर्पण करें.
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पितृ दोष का संकेत देती हैं ये घटनाएं, नजरअंदाज किया तो हो सकता है बड़ा खतरा