डीएनए हिंदीः खरमास को मलमास (Kharma Aka Malmaas) भी कहा जाता है. खरमास पूरे एक माह का होता है और जब ये लगता है तो उस मास में किसी भी मांगलिक कार्य को करने की मनाही (Forbidden to do auspicious work) होती है. दिसंबर में खरमास धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) के साथ शुरू होता है जो मकर संक्रांति के साथ खत्म होता( Ends with Makar Sankranti) है. हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है. पूरे 30 दिन चलने वाले इस मास में क्या करना चाहिए, क्या नहीं, जान लें.
ज्योतिष गणना के अनुसार एक साल में 12 संक्राति होती है. जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो वह संक्रांति कहलाती है. 12 संक्रांति में धनु और मीन संक्रांति में ही खरमास लगता है. खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, विवाह आदि की मनाही (Prohibition of shaving, piercing, house warming, marriage ) होती है. साल में दो बार खरमास पड़ते हैं. पहला खरमास मीन संक्रांति पर पड़ता है और दूसरा धनु संक्रांति पर. इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर 2022 को पड़ रही है और इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2023 को होगी.
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इस महीने का हालांकी धार्मिक महत्व बहुत होता है. इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. तो चलिए खरमास से जुड़ी बाते जानें-
क्या है खर मास? (What is Kharmas)
जब सूर्य देवगुरु बृहस्पति की राशि (मकर और मीन) में रहता है तो उस समय को खरमास कहते हैं. वर्तमान में सूर्य वृश्चिक राशि में है और ये ग्रह 16 दिसंबर, शुक्रवार को जैसे ही धनु राशि में प्रवेश करेगा, खर मास शुरू हो जाएगा. ज्योतिष तत्व विवेक नाम के ग्रंथ में कहा गया है कि सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य रहता हो तो उस काल को गुर्वादित्य कहा जाता है.
भारतीय पंचाग के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में संक्रांति करते हैं तो यह समय शुभ नहीं माना जाता इसी कारण जब तक सूर्य मकर राशि में संक्रमित नहीं होते तब तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किये जाते. पंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है. खर मास को भी मलमास का जाता है. खरमास में खर का अर्थ होता है और मास का अर्थ महीना होता है. मान्यता है कि इस माह में मृत्यु आने पर व्यक्ति नरक जाता है.
इस महीने में दान का विशेष महत्व (Importance Of Kharmas)
खरमास में दान-पुण्य और जरूरतमंदों को भोजन, अनाज, कपड़े आदि जरूर देना चाहिए. इस मास में श्राद्ध और मंत्र जाप का भी विधान है. इससे परेशानियां कम होने लगती है और देवी-देवताओं की कृपा उस पर बनी रहती है.
शुभ फल के लिए ये उपाय करें (Kharmas Ke Upay)
खरमास में दान, पुण्य और भगवान की पूजा करना चाहिए. इस महीने में तीर्थों, घरों व मंदिरों में जगह-जगह भगवान की कथा करना और सुनना चाहिए. खरमास में जमीन पर सोना, सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करना आदि नियम का पालन करना चाहिए.
कब से शुरू हो रहे हैं खरमास (Kharmas 2022 December Date)
खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं जो पूरे एक माह होते हुए नए साल 2023 में 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन समाप्त होंगे.16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं, तो खरमास आरंभ हो जाएगा और 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा.
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खरमास में न करें ये काम (Do not do this work during Kharmas)
- तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज), मांस-मदिरा से दूर रहें और शाकाहारी भोजन करें.
- खरमास में तांबे के बर्तन में रखे हुए भोजन या पानी पीना वर्जित होता है. क्योंकि इसका असर सेहत पर बुरा पड़ता है.
- खरमास में मांगलिक कार्य, मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, शादी विवाह जैसे कार्य बिल्कुल न करें.
- खरमास में कोई नया काम, व्यापार या मकान निर्माण से लेकर गृह प्रवेश तक वर्जित होता है.
- खरमास के दौरान कोई नई चीज जैसे वाहन, घर, प्लाट, आभूषण आदि बिल्कुल नहीं खरीदना चाहिए. इससे बुरा असर पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कल से शुरू हो रहा खरमास, 14 जनवरी तक हर तरह के शुभ कार्य पर लग जाएगा ब्रेक