आज भी हमारे आसपास ऐसे मंदिर हैं जो रहस्यों से भरे हुए हैं. ये अपने अनोखे रहस्यों के कारण पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इनमें से अधिकांश प्राचीन मंदिर हैं . इन सभी मंदिरों की वास्तुकला, पत्थर और मूर्तियाँ एक अलग कहानी कहती हैं. हम एक ऐसे ही हैरान कर देने वाले मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. यह भारत में एक मंदिर है और यह मंदिर ब्रह्मांड के अंत का प्रतिनिधित्व करता है. यह कौन सा मंदिर है? आइए जानते हैं क्या है इसका रहस्य.
1. यह है भविष्यवाणी वाला मंदिर:
यह एक अद्भुत मंदिर है जो महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हरिश्चंद्रगढ़ के पहाड़ी किले में स्थित है. यह बहुत प्राचीन मंदिर है. जब आप इसके मंडप को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि यह कितना प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर का नाम केदारेश्वर गुफा मंदिर है. रहस्यमयी मंदिर होने के साथ-साथ यह देखने में भी खूबसूरत मंदिर है . इस मंदिर को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं.
यह मंदिर न केवल भविष्य बताकर लोगों में हलचल पैदा करता है. यह अपने निर्माण के बाद से ही लोगों को आश्चर्यचकित करता रहा है. आमतौर पर हम चाहे कितनी भी बड़ी इमारत बना लें, उसके वजन को नियंत्रित करने के लिए हमने खंभे ही बनाए हैं. एक इमारत को खड़ा करने के लिए 4 खंभों का होना अनिवार्य है. हालाँकि, यह रहस्यमयी मंदिर कई सालों से केवल एक ही खंभे पर खड़ा है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा किया गया था, लेकिन कहा जाता है कि इसका गर्भगृह 11वीं शताब्दी में पाया गया था.
2. अगर यह एक खंभा टूट गया तो डूब जाएगी दुनिया:
जब हम इस मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो देखेंगे कि यहां 4 खंभे हैं, लेकिन इन 4 खंभों में से 3 खंभे पहले ही टूट चुके हैं और केवल एक खंभा ही छत से जुड़ा हुआ है. . ये 4 स्तंभ 4 युगों सत्य युग , त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग का प्रतिनिधित्व करते हैं . यहां की मान्यता के अनुसार हर युग के अंत में एक-एक करके इस मंदिर के खंभे टूट जाते हैं. अब बचा हुआ एकमात्र स्तंभ कलियुग का प्रतिनिधित्व करता है. इस स्तंभ के टूटते ही कलियुग का अंत हो जाएगा. यह भी माना जाता है कि ये खंभे बदलते मौसम के अनुसार अपनी ऊंचाई बदलते रहते हैं.
3. अद्भुत शिव लिंग और जल:
यह भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है , जहां भगवान शिव की पूजा लिंग के रूप में की जाती है. यहां के शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग कहा जाता है. अर्थात यह स्वयंभू शिवलिंग है. यह मंदिर करीब 4,671 फीट की ऊंचाई पर बना है. मंदिर के पास तीन गुफाएँ हैं, जिनमें दाहिनी ओर की गुफा में 5 फीट का शिव लिंग है जो बर्फ से पिघले ठंडे पानी से घिरा हुआ है. इस पानी के बारे में एक आश्चर्यजनक बात यह है कि जब पृथ्वी पर ठंड होती है तो यह आमतौर पर ठंडा होता है. और गर्मियों में पानी सामान्य तापमान पर रहता है. लेकिन, इस मंदिर में आपको सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में बर्फ जैसी ठंड महसूस होगी. ऐसा माना जाता है कि इस जल से स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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ये मंदिर कलियुग के अंत का प्रतीक है, जिस दिन गिरा इसका खंभा उस दिन दुनिया होगी खत्म