Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के त्योहार पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख शांति के लिए निर्जला व्रत रखती है. इस दिन भगवान की कामना करने के साथ ही कथा सुनती हैं. भगवान की पूजा अर्चना कर रात को चंद्रमा को जल अर्पित करके ही व्रत खोलती है. इस दिन व्रत खोलने के साथ ही कढ़ी बनाने का महत्व है. महिलाएं व्रत का पारण करने के बाद कढ़ी बनाती हैं. 

दरअसल करवा चौथ के व्रत की शुरुआत सुहागिन महिलाएं सरगी खाकर करती हैं. वहीं उत्तर भारत में इस दिन कढ़ी बनाई जाती है. इसकी विशेष परंपरा है. रात में व्रत खोलन के बाद कढ़ी खातिर आइए जानते हैं इसकी वजह महत्व और भगवान श्रीकृष्ण से इसका संबंध... 

इस दिन कढ़ी बनाने से लेकर खाना माना जाता है शुभ

कढ़ी एक डिश है, जो स्वादिष्ट होती है. ज्यादातर लोग इसका टेस्ट जानते होंगे. यह पीले रंग की होती है. हिंदू धर्म में पीले रंग का महत्व सबसे ज्यादा है. इसे शुभ माना जाता है. व्रत त्योहार में पीले रंग भोग से लेकर वस्त्र, फल फूल का खूब इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह इन्हें शुभ और अच्छा माना जाता है. यही वजह है कि करवा चौथ पर भी कढ़ी बनाना शुभ माना होता है. 

भगवान श्रीकृष्ण से कढ़ी का संबंध

पुराणों में बताया जाता है भगवान श्रीकृष्ण को दूध, दही और माखन मिश्री बेहद प्रिय थे. इनसे बने पकवान भी भगवान बड़े ही चाव से खाते थे. भगवान कढ़ी चावल भी बड़े ही प्रसन्न होकर खाते थे. इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा में कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है. यह सात्विक होने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों में से एक है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें  हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
karwa chauth 2024 vrat on 20 october why made kadhi on karwa chauth and relations with lord shri krishna
Short Title
करवा चौथ पर क्यों बनाई जाती है कढ़ी, भगवान श्रीकृष्ण से है इसका सीधा संबंध
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Karwa Chauth 2024
Date updated
Date published
Home Title

करवा चौथ पर क्यों बनाई जाती है कढ़ी, भगवान श्रीकृष्ण से है इसका सीधा संबंध

Word Count
330
Author Type
Author