डीएनए हिंदी : Chauth Mata Mandir: अगले महीने 13 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत मनाया जाएगा (Karwa Chauth 2022) इस व्रत को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-सौभाग्य के लिए रखती हैं. करवा चौथ में श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है. कहा जाता है माता गौरी चौथ माता के रूप में राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के 'चौथ का बरवाड़ा गांव' (Chauth Ka Barwada) में विराजमान हैं. यह चौथ माता (Chauth Mata) का सबसे पुराना मंदिर है. कहा जाता है इस मंदिर को 1451 ई. में बनाया गया था.
इस मंदिर की स्थापना महाराजा भीमसिंह चौहान ने की थी. शहर से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर हजार फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
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चौथ माता मंदिर में मिलता है अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
अरावली पर्वत पर स्थित इस मंदिर में देवी के दर्शन के लिए 700 सीढियां चढ़नी पड़ती है. चौथ माता मंदिर विशेष तौर पर विवाहित जोड़े के लिए है. इस मंदिर में अलग अलग समय पर मेले का आयोजन किया जाता है. यहां करवा चौथ के दौरान आयोजित होने वाले मेले में हजरों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. इस दौरान खासतौर पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की रक्षा और सुख-सौभाग्य के लिए यहां पार्थना करती हैं.
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सच्चे मन से चौथ माता मंदिर में पूजा आराधना करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही दांपत्य जीवन में सुख बढ़ता है.करवा चौथ के दौरान चौथ माता मंदिर में कई राज्यों से भक्त लाखों की तादाद में दर्शन करने के लिए आते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Karwa Chauth 2022: करवा चौथ पर सदा सुहागन होने का मिलेगा आशीर्वाद, ज़रूर करें इस देवी के दर्शन