डीएनए हिंदीः करवा चौथ का व्रत इस बार 13 अक्टूबर 2022 दिन गुरुवार को रखा जाना है. इस बार चौथ पर कई ग्रहों की युति और दुर्लभ योग भी बनेंगे. यही कारण है कि इस बार करवाचौथ का व्रत कई मायनों में बेहद शुभकारी होगा और पूजा का फल दोगुना मिलेगा.

खास बात ये है कि जिनके लिए यह पहला करवाचौथ होगा उनके लिए बेहद खास होगा क्योंकि शुभ ग्रहों की युति से उन्हें विशेष आशीर्वाद मिलेंगे. सुहाग की लंबी उम्र और उसी रक्षा के लिए रखा जाने वाला करवाचौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर होता है. 

इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत कर गणपति, भगवान शंकर और देवी पार्वती के साथ चंद्रदेव की पूजा करती हैं और चांद देखने के बाद ही व्रत को खोला जाता है. तो चलिए करवा चौथ का मुर्हूत, योग और विधि के साथ ही चंद्रोदय का सही समय जानें.

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करवा चौथ 2022 मुहूर्त (Karwa chauth 2022 Shubh Muhurat)

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ - 13 अक्टूबर 2022, सुबह 01 बजकर 59 मिनट

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष चतुर्थी समाप्त - 14 अक्टूबर 2022, सुबह 03 बजकर 08 मिनट

करवा चौथ पूजा मुहूर्त - 13 अक्टूबर 2022, शाम 06 बजकर 01 - रात 07 बजकर 15

अवधि - 1 घंटा 14 मिनट

चंद्रोदय समय - रात 08 बजकर 19 (13 अक्टूबर 2022)

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करवा चौथ 2022 योग (Karwa chauth shubh yoga)

करवा चौथ इस बार कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा. इस बार करवा चौथ के दिन सिद्धि योग के साथ कृतिका और रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा. शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे और इस दिन रोहिणी नक्षत्र का होना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे में इन खास योग में की गई पूजा बहुत फलदायी होती है.

सिद्धि योग - 12 अक्टूबर 2022, दोपहर 02 बजकर 21 - 13 अक्टूबर 2022, दोपहर 01 बजकर 55 
रोहिणी नक्षत्र - 13 अक्टूबर 2022, शाम 06 बजकर 41 - 14 अक्टूबर 2022, रात 08 बजकर 47
कृत्तिका नक्षत्र - 12 बजकर 2022, शाम 05 बजकर 10 - 13 अक्टूबर 2022, शाम 06 बजकर 41

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करवा चौथ चंद्रमा पूजन महत्व
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है. इस दिन शिव परिवार की पूजा के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है. मान्यता है कि करवा चौथ पर चंद्र पूजन से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है. चंद्रमा मन का कारक माने गए हैं,इस दिन चांदी के पात्र में जल और दूध मिलाकर चांद को अर्घ्य देने से नकारत्मक विचार खत्म होते हैं. वैवाहिक जीवन में तनाव नहीं आता. व्रतियों और उनके पति को बेहतर स्वास्थ का वरदान मिलता है.

करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें

  • सोलह श्रृंगार कर शाम को शुभ मुहूर्त में गणपति, भगवान शंकर और देवी पार्वती और करवा माता की पूजा करें फिर व्रत की कथा सुनें.
  • पूजा की थाली में आटे का दीपक, फल, मिठाई, जल से भरा दो करवा, छलनी जरूर ऱखें.
  • चांद निकलने पर छलनी में एक आटे का दीपक जला लें और उत्तर पश्चिम दिशा में मुख कर चंद्रदेव को एक करवे से अर्घ्य दें.
  • चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्य ये मंत्र बोलें - ज्योत्‍सनापते नमस्तुभ्‍यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्‍यं मे प्रतिग्रह्यताम।।
  • छलनी से पहले चांद को और फिर पति को देखें.
  • अब दूसरे करवे से पहले पति को पानी पिलाएं और फिर पति के हाथ से उसी करवे से जल पीएं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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करवा चौथ पर बनेगा कई दुर्लभ योग, चांद्र अर्घ्य शुभ समय, मंत्र और पूजा विधि
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करवा चौथ पर बनेगा कई दुर्लभ योग, चांद्र अर्घ्य शुभ समय, मंत्र और पूजा विधि

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