Kamada Ekadashi Vrat Puja Vidhi: हिंदू धर्म में एकादशी को सबसे बड़ी तिथि माना जाता है. इसका बड़ा महत्व है. हर साल 2 बार एकादशी तिथि आती है. इस तरह साल में कुल 24 एकादशी आती हैं. हालांकि इन सभी का नाम, कथा और व्रत का महत्व अलग अलग होता है. इनमें से चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं. धर्म ग्रंथों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. इस बार कामदा एकादशी का व्रत अप्रैल के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा. आइए जानते हैं इस व्रत पूजा विधि से लेकर तारीख, मंत्र और आरती...
इस दिन है कामदा एकादशी व्रत 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 अप्रैल 2025 सोमवार की रात 08 बजे से शुरू होकर 08 अप्रैल 2025 मंगलवार की रात 09 बजकर 13 मिनिट तक रहेगी. एकादशी तिथि का सूर्योदय 8 अप्रैल मंगलवार को होगा. इसलिए एकादशी का व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा.
कामदा एकादशी व्रत-पूजा विधि
कामदा एकादशी पर पूजा अर्चना और व्रत करने का बड़ा महत्व है. व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा होती है. जीवन में धनधान्य की प्राप्ति होती है. इसकी पूजा विधि भी बेहद आसान है, लेकिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कामदा एकादशी से पूर्व व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें. इसके अगले दिन यानी एकादशी व्रत पर सुबह उठकर स्नान करें. व्रत-पूजा का संकल्प लें. घर के अंदर साफ स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखकर पूजा अर्चना करें. भगवान को तिलक लगाएं, माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं. इसके बाद विष्णु भगवान को अबीर, गुलाल, रोली, चावल, फूल, पान आदि अर्पित करें. पूजा के दौरान ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जप कर भगवान को भोग लगाएं.
इस व्रत दूर हो जाती है तंगी और संकट
सभी एकादशी तिथियों में कामदा एकादशी का बड़ा महत्व है. इसमें भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर व्रत करने से भक्त सभी संकट और आर्थिंक तंगी दूर हो जाती है. भगवान की कृपा प्राप्त होती है. जीवन चल रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं. इस दिन व्यक्ति को दान जरूर करना चाहिए. इससे जीवन में पुण्यों की प्राप्ति मिलती है.
भगवान विष्णु जी की आरती
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे...
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे...
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी
ओम जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति.
ओम जय जगदीश हरे...
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे...
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा.
ओम जय जगदीश हरे...
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा.
ओम जय जगदीश हरे...
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे.
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे..
ओम जय जगदीश हरे...
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इस दिन है कामदा एकादशी व्रत, जानें इस दिन पूजा विधि से लेकर मंत्र और आरती