डीएनए हिंदी: (Kalki Jayanti 2023 Date) नाग पंचमी के अगले ही दिन यानी 22 अगस्त 2023 को शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के साथ कल्कि जयंती मनाई जाएंगी. इस जयंती का इंतजार वैष्णव संप्रदाय को विशेष रूप से होता है. कल्कि भगवान विष्णु जी का दसवां अवतार हैं. शास्त्रों की मानें तो भगवान विष्णु कलयुग के अंतिम चरण में कल्कि के रूप में धरती पर प्रकट होंगे. यह अवतार भगवान विष्णु का अंतिम रूप होगा. यही वजह है कल्कि जयंती पर भगवार विष्णु की पूजा की जाती है. इसका विशेष लाभ भी मिलता है.
कल्कि जयंती का महत्व
कल्कि जयंती हर साल सावन के षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन विष्णु भगवान की पूजा करने की परंपरा है. भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है. सभी कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं. भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वैष्णव विज्ञान के अनुसार, धरती पर कलयुग के आखिरी में जब पाप और अत्याचार बहुत बढ़ जाएगा. तब भगवान विष्णु धरती पर प्रकट होंगे. भगवान पाप का अंत करने के लिए दुष्टों का संहार करेंगे. इसी के साथ कलयुग का अंत होगा. साथ ही सतयुग का प्रारंभ हो जाएगा.
कल्कि जयंती का शुभ मुहूर्त
कल्कि जयंती सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का शुभ समय 22 अगस्त को 2 बजे शुरू होगा और 23 अगस्त की सुबह 3 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. जयंती उदया तिथि में मनाई जाएगी. इस दिन पूजा करने से लाभ होता है.
जानें पूजा विधि
कल्कि जयंती के लिए सुबह उठते ही स्नान करें. इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर व्रत रखें. इसके बाद पूजा स्थल पर पीले रंग का आसन तैयार कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की प्रतिमा को स्थापित कर उनकी आराधना करें. भगवान को दूध, मेवा का भोग लगाकर फल और फूल अर्पित करें. इस दिन पूजा के साथ भगवान विष्णु के मंत्र मत्स्यः कूर्मो वराहश्च नारसिंहोऽथ वामनः । रामो रामश्च रामश्च कृष्णः कल्किश्च ते दशः का जप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज है कल्कि जयंती, जानें इस दिन क्यों कि जाती है भगवान विष्णु की पूजा, शुभ मुहूर्त और महत्व