डीएनए हिंदी: Kadhi Chawal Diwali Next Day- कढ़ी चावल ज्यादातर लोगों की प्रिय रेसिपी है और जब त्योहार की बात आती है तो दिवाली (Diwali 2022) के दूसरे दिन कढ़ी चावल बनने का रिवाज भी है. कढ़ी चावल बनने का रिवाज सदियों से चली आ रही है. दिवाली के दिन भले ही दूसरे पकवान बनते हैं लेकिन दूसरे दिन बासी दिवाली पर जिस दिन गोवर्धन होता है उस दिन कढ़ी चावल बनता है, हालांकि इस बार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के चलते गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) नहीं हो रही है, फिर भी कढ़ी चावल बनाने का अलग ही महत्व है.
दिवाली के दूसरे दिन गोवंश यानी गाय और प्रकृति की पूजा की जाती है, इसके साथ ही इस दिन का मुख्य भोजन कढ़ी-चावल होता है. श्रीकृष्ण को इसका भोग लगाया जाता है, इसके साथ ही अन्नकूट का प्रसाद भी बनता है.
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क्या है महत्व (Significance in Hindi)
कढ़ी चावल का धार्मिक महत्व यह है कि गोवर्धन पूजा उस दिन की जाती है,जिस दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था, इस दौरान कान्हा ने मानव जीवन को सुखद बनाए रखने के लिए गौवंश और प्रकृति के महत्व के बारे में भी बताया था. इसलिए गाय की पूजा करके उसके दूध की छाछ से बनी कढ़ी और धान से उत्पन्न चावल से कान्हा को भोग लगाकर उसकी पूजा की जाती है. कढ़ी चावल के फायदे भी अनेक हैं.
दिवाली के दिन काफी हेवी और तेल का खाना खाते हैं, ऐसे में कढ़ी चावल से पेट हल्का रहता है, पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती. गाय के दूध से बनी छाछ से तैयार कढ़ी में कई प्रकार को स्वास्थ्य वर्धक तत्व पाए जाते हैं, इनमें प्रोटीन,कैल्शियम और फास्फोरस भी शामिल हैं.
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कढ़ी चावल के फायदे (Kadhi Chawal Benefits)
इस दिन कढ़ी को मुख्य रूप से लोहे की कढ़ाई में बनाने की परंपरा है, लोहे की कढ़ाही में घंटों पकने के कारण कढ़ी में आयरन की भी प्रचुर मात्रा होती है. इसलिए यह शरीर में स्फूर्ति लाने का काम करती है
कढ़ी में ऐंटी इंफ्लेमटरी गुण पाए जाते हैं, ये शरीर में पनप रहे कई रोगों को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं और आंतरिक सूजन को बढ़ने नहीं देते हैं
कढ़ी खाने से पाचन क्रिया ठीक होती है, मुंह के छाले भी ठीक होते हैं.
चावल में स्टार्च और कार्ब्स होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद है
कैसे बनता है कढ़ी चावल
चावल तो बनाना आसान है, लेकिन कढ़ी के लिए छाछ या फिर बासी दही यानि खट्टा दही लें और उसे फेंट लें और उसके बाद बेसन मिलाकर खूब अच्छे से चलाएं, इसके बाद बेसन के पकौड़े बनाकर उसमें डाल दें, फिर करी पत्ता का छौंक लगाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Kadhi Chawal: दिवाली के अगले दिन क्यों बनता है कढ़ी चावल, क्या है महत्व और स्वास्थ्य के फायदे भी