डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है और इस साल प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट से (Shardiya Navratri 2023 Date) शुरू होगी और 16 अक्टूबर को 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होगा और 24 अक्टूबर को विजय दशमी का त्योहार मनाते हुए इसका समापन होगा. नवरात्रि का ये नौ दिनों का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि (Navratri Ram Navami) में नौ दिन का व्रत रखने और देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से मां दुर्गा पसन्न होती हैं और साधक को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. शास्त्रो के अनुसार, भगवान राम ने भी रावण को हराने के लिए नौ दिन का व्रत रखा था. आइए जानते हैं इसके बारे में..
श्री राम ने की थी शक्ति उपासना
वाल्मिकि पुराण के अनुसार, रावण का वध करने से पहले भगवान श्रीराम ने ऋष्यमूक पर्वत पर अश्विनि प्रतिपदा से नवमी तक परमशक्ति मां दुर्गा की उपासना की थी और इसके बाद दशमी के दिन उन्होंने किष्किंधा से लंका जा कर रावण का वध किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अध्यात्मिक बल की प्राप्ति, शत्रु पराजय और कामना पूर्ति के लिए भगवान श्री राम ने नौ दिन का व्रत रख मां दुर्गा से आर्शीवाद प्राप्त किया था. इसके अलावा दसवें दिन लंका पर विजय प्राप्त करने के दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है.
श्री राम ने की थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत
धर्म शास्त्रो के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भगवान राम ने की थी और भगवान राम ने शक्ति स्वयूपा मां दुर्गा की आराधना नौ दिनों तक बिना कुछ खाए-पिए की थी. भगवान राम को यह व्रत करने की सलाह ब्रह्मा जी ने दी थी. साथ ही ब्रह्मा जी ने भगवान श्री राम से चंडी देवी का पूजन और व्रत कर प्रसन्न करने के लिए कहा और बताया कि चंडी पूजन और हवन के लिए दुर्लभ 108 नील कमल का होना जरूरी है.
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि में नौ दिन माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का हर रूप एक अलग मतलब रखता है और इन नौ के नौ रूप का अर्थ है शक्ति. गुजरात का गरबा हो या बंगाल के पंडाल चारों ओर इस त्योहार के दौरान रौनक सी छा जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि की साधना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली है. शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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रावण वध से पहले भगवान राम ने क्यों रखा था नौ दिन का व्रत, पढ़ें ये पौराणिक कथा