डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) के अनुसार, व्यक्ति के जन्म के समय जो दोष या योग बनते हैं, उसी के आधार पर जातक की कुंडली पर विचार किया जाता है. इन्हीं में से एक दोष है 'कालसर्प दोष'. (Kaal Sarp Dosh) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह योग कुछ विशिष्ट व्यक्तियों की कुंडली में (Kaal Sarp Dosh In Kundli) ही होता है. अक्सर लोग कालसर्प दोष का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं. लेकिन, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष का पाया जाना कोई बहुत बड़ी घटना नहीं मानी जाती है.
कालसर्प दोष कुंडली में खराब जरूर माना जाता है लेकिन विधिवत तरह से अगर इसका उपाय (Kaal Sarp Dosh Upay) किया जाए तो यही कालसर्प दोष सिद्ध योग भी बन सकता है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में.
कब बनता है ये दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्यादि सातों ग्रह राहु (सर्प मुख) और केतु (सर्प की पूंछ) के मध्य आ जाते हैं तो कालसर्प योग का निर्माण होता है. वहीं अगर राहु आगे और केतु पीछे या सूर्यादि सातों ग्रह, राहु एवं केतु के एक ओर फंसे हुए हों तब भी इस योग का निर्माण होता है.
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कालसर्प दोष के कारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प योग को दुर्भाग्य और अवरोध उत्पन्न करने वाला माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति के जन्मांग में कालसर्प योग की संरचना हो रही हो तो व्यक्ति को अनेक प्रकार के अवरोध, विसंगतियों और दुर्भाग्य से जीवनपर्यंत संघर्ष करना पड़ता है.
आंशिक कालसर्प योग
अलग अलग ग्रंथों में यह कहा गया है कि काल सर्प योग तभी बनता है जब सारे ग्रह राहु और केतु के एक ओर आ जाएं. वहीं अगर इस रेखा से कोई एक ग्रह बाहर रह जाता है तो उसे आंशिक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्रियात्मक रूप से देखा गया है कि आंशिक कालसर्प योग की कुंडली वाले जातक जीवन में बहुत संघर्ष करते हैं और फिर भी वे लोग वहीं के वहीं रह जाते हैं.
कालसर्प अशुभ ही नहीं होता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो यह जरुरी नहीं कि आपके साथ सब बुरा ही होगा. दअरसल इसका प्रभाव हर व्यक्ति पर उनके कुंडली में बैठे ग्रहों के मुताबिक होता है, साथ ही कुंडली के और योग भी देखे जाते हैं. यानी अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राज योग है और उनके 2-3 ग्रह दिग्बली या स्वग्रही हैं और कुंडली में कालसर्प दोष भी बैठा है तो इस स्थिति में कालसर्प दोष का असर कम हो जाता है.
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काल सर्प दोष के लक्षण
बुरे सपने
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे बुरे सपने आएंगे. ऐसे में वह ठीक से सो नहीं पाएगा. वहीं उसे भय लगेगा और उसका मन नकारात्मक विचारों से भरा रहेगा.
सापों के सपने आना
जी लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें ठीक से नींद नहीं आती है. ऐसे लोग रात में चौक कर उठ जाते हैं और उन्हें सपने में साप दिखाई देता है.
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निजी जीवन में अशांति
जिन जातकों की कुंडली में यह दोष होता है ऐसे लोगों के जीवन में बहुत अशांति रहती है. इसके अलावा इनके परिवारों में लड़ाई झगड़े रहते हैं. वहीं ये लोग जितनी भी मेहनत करें लेकिन उसका फल उन्हें नहीं मिलता है. इतना ही नहीं इनके बहुत सरे दुश्मन भी बन जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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