Jyeshtha Pradosh Vrat 2024: शास्त्रों में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक एक प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) आता है, लेकिन इन सब में सबसे श्रेष्ठ ज्येष्ठ का प्रदोष व्रत है. वहीं इस बार ज्येष्ठ प्रदोष व्रत पर एक खास और बेहद शुभ संयोग बन रहा है. यह संयोग प्रदोष व्रत के साथ ही मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) का होना है. इसकी वजह 4 जून को प्रदोष व्रत के साथ ही मासिक शिवरात्रि है. कई सालों बाद यह संयोग बना है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और अभिषेक से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस बार प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन है. ऐसे में भगवान शिव के साथ रुद्र अवतार बजरंगबली की पूजा भी की जाएगी. आइए जानते हैं इस दिन तिथि, शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि...
प्रदोष व्रत की तिथि से लेकर शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत में ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 जून की दोपहर 12 बजकर 19 मिनट पर होगी. वहीं इसकी समाप्ति रात 10 बजकर 1 मिनट पर होगी. शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है. इसलिए प्रदोष व्रत 4 जून को मंगलवार के दिन ही रखा जाएगा. वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे का होगा, जो शाम को 7 से बजे से लेकर रात 8 बजे तक रहेगा.
मासिक शिवरात्रि व्रत भी होगा (Masik Shivratri )
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत के साथ ही ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात 10 बजकर 2 मिनट से होगी. वहीं समाप्ति 5 जून को रात 7 बजकर 55 मिनट पर इसका अंत होगा. वहीं शिवरात्रि व्रत का मुहूर्त निशिथ काल का होता है. इसलिए मासिक शिवरात्रि का व्रत 4 जून को ही रखा जाएगा. यह बेहद शुभ संयोग होगा, जब एक ही दिन प्रदोष और शिवरात्रि का व्रत होगा. इसमें पूजा अर्चना करने से महादेव सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे.
यह है भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को धन संपत्ति से लेकर सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस बार यह व्रत मंगलवार को होने की वजह से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी. अगर घर में किसी की शादी में बाधा आ रही है या फिर आपके काम नहीं बन रहे हैं तो प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के साथ ही व्रत रखें. इससे भगवान आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देंगे. वहीं भौम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से बने पंचामृत का अभिषेक करना बेहद शुभ होता है.
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सालों बाद प्रदोष व्रत पर बन रहा ये शुभ योग, जानें प्रदोष की तिथि से लेकर शुभ मुहूर्त और पूजा विधि