डीएनए हिंदीः साल 2023 की शुरूआत में ही 5 राशियां शनि ग्रह (Shani Effects in 2023) के चपेटे में आने वाली हैं. कुंभ राशि में शनि का गोचर कई राशियों पर साढ़ेसाती तो कुछ पर ढूय्या शुक करने जा रहा है. साढ़ेसाती का 30 साल बाद ये दूसरा चरण बेहद काष्टकारी माना जा रहा है जो न केवल आर्थिक और शारीरिक रूप से कष्ट देगा, बल्कि मानसिक परेशान भी ज्यादा करेगा.
बता दें कि शनि ग्रह 30 साल बाद अपने स्वराशि कुंभ में जनवरी में प्रवेश करने जा रहा है. वैसे शनिदेव ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं. इस तरह किसी भी राशि में दोबारा शनिदेव का गोचर 30 साल बाद होता है. शनिदेव अगले साल 17 जनवरी 2023 को स्वराशि कुंभ में विराजमान होंगे. यानी आज से 30 साल पहले भी वह कुंभ राशि में ही थे. शनिदेव की साढ़ेसाती का ये दूसरा चरण होगा और कुंभ राशि में वह 2025 तक होंगे.
Shani Prakop: 2023 जनवरी से शनि की साढ़े-साती और ढैय्या होगी शुरू, इन 5 राशियों के लिए होगा भारी
जनवरी में शनि के कुंभ में प्रवेश करते ही कुछ राशियों पर साढ़े साती और कुछ पर ढैय्या शुरू होगी. जबकि कुछ राशियां शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से मुक्त हो जाएंगी.
इन पांच राशियों के लिए शुरू होगा कष्ट का समय
17 जनवरी 2023 से कुंभ, मीन और मकर राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. वहींए कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगी.
साढ़े साती का दूसरा चरण होता है खतरनाक
शनि का कुंभ राशि में प्रवेश कुंभ पर साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू करेगा और ज्योतिष में माना जाता है कि दूसरा चरण बेहद खतरनाक होता है. इसमें मानसिक, आर्थिक, शारीरिक कष्ट मिलते हैं. हालांकि शनि कुंभ राशि के ही स्वामी हैं इसलिए इस राशि के जातकों को थोड़ा आराम जरूर मिलेगा और कष्ट कम होगा. यही नहीं कुछ मामलों में ये साढ़ेसाती उन्हें लाभ भी देगी. बता दें कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या उन लोगों को ज्यादा कष्ट देते हैं, जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों या जिनके कर्म ठीक न हों.
कुंभ राशि को क्या मिलेगा फायदा
17 जनवरी 2023 को शनि गोचर होते ही कुंभ राशि वालों को सेहतसे जुड़ी समस्याएं दूर होंगी. खर्चे कम होंगे और शश योग बनने से इनका भाग्य भी तेज होगा. अगर कोर्ट कचहरी या मुकदमें हैं तो वो खत्म होंगे और आय में बढ़ोतरी की संभावना होगी. अपने पार्टनर के साथ मिलकर ये जो भी काम करेंगे वह सफल होगा. परीक्षा-इंटरव्यू की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलेगी.
वैवाहिक जीवन में समस्याएं देंगे शनि
लग्न का शनि फायदेमंद रहते है, लेकिन सप्तम दृष्टि के कारण दाम्पत्य जीवन में परेशानी बढ़ने की संभावना होगी. केंद्र में बैठने के कारण साढ़ेसाती के दूसरे चरण के दौरान कुंभ राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन में समस्याएं हो सकती हैं. जीवनसाथी से मतभेद बढ़ेगा और रिश्ते में दरार की संभावना होगी. अविवाहित जातकों के विवाह में देरी हो सकती है. वाणी में कड़वाहट से बचें, भाई बहन के सुख में कमी करेगा.
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शनि की साढ़े-साती और ढैय्या से नहीं मिलेगा कष्ट, अगर करते रहें ये काम
ध्यान रखें शनि न्याय के देवता माने जाते हैं और कपट, छल और आपारिधक कार्यों में लगे लोगों को बेहद कष्ट देते हैं. यही नहीं, अनबोलते जीवों को कष्ट देने पर भी वह दंडित करते हैं. इसलिए अगर आप शनि की साढ़े साती-ढैय्या या कुंडली में शनि के कमजोर होने से कष्ट उठा रहे तो काली चीजों का दान, सरसों के तेल का दीपक, पीपल के पेड़ की जड़ में जल और शनिदेव के साथ हनुमानजी की पूजा जरूर करें.
बजरंगबाण का पाठ हर तरह के कष्ट से मुक्ति दिला सकता है.सुख समृद्धि हेतु प्रतेक शनिवार को गुड चना एकेला बन्दर को खिलाएं और आर्थिक लाभ के लिए घर में नीला पर्दा तथा वस्त्र का उपयोग बिलकुल न करें. स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या बन रहा है तो गीली मिट्टी का तिलक करें तथा वट वृक्ष की जड़ में दूध डाले. लोहे की अंगूठी धारण करें इसे धारण करने के पहले ॐ शं शनैशचराय नमः मंत्र का जप 23 हजार करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कुंभ राशि में 30 साल बाद शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या का होगा कहर, 5 राशियों पर होगा कष्टदायी चरण