डीएनए हिंदी: भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों, दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है. लेकिन भगवान शिव जितनी जल्दी अपने भक्तों (Jalabhishek Niyam) से प्रसन्न होते हैं, उतनी ही जल्दी वह रुष्ट भी हो जाते हैं. इसलिए शास्त्रों में भगवान शिव को जल चढ़ाने के बहुत से नियम बताए गए हैं. क्योंकि भगवान शिव को जल चढ़ाने मात्र से ही वह प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर कामना को पूरा करते हैं, लेकिन शिवलिंग पर (Shivling Jalabhishek Niyam) जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान होना बहुत जरूरी है. क्योंकि गलत तरीके से या गलत दिशा में खड़े होकर भगवान शिव (Shiv Puja Niyam) को जल चढ़ाया जाए तो वे रुष्ट हो जाते हैं.
ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं कि भगवान शिव को जल चढ़ाते समय किस दिशा में खड़ा होना चाहिए और इससे जुड़ी अन्य जरूर नियमों के बारे में...
इस दिशा में खड़े होकर न चढ़ाएं जल
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल न चढ़ाएं. क्योंकि पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य द्वार माना जाता है और इस दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से शिव के द्वार में अवरोध उत्पन्न होता है.
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इसके अलावा इस दिशा में न खड़े होकर चढ़ाएं जल
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को जल अर्पित करते समय कभी भी मुख उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए. क्योंकि इन दिशाओं में भगवान शिव की पीठ, कंधा आदि होते हैं इसलिए इन दिशाओं में मुख करके शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त नहीं होता है.
दक्षिण दिशा में खड़े होकर ही चढ़ाएं जल
धर्म शास्त्रों के अनुसार हमेशा दक्षिण दिशा में खड़े होकर ही शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए. इस दिशा में खड़े होकर भगवान शिव को जल चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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इन बातों का भी रखें खास ध्यान
शिवलिंग पर दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल चढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि जल उत्तर दिशा की ओर से शिवलिंग पर गिरे, इससे भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं.
वहीं शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल्दी से नहीं बल्कि धीरे-धीरे एक छोटी धारा के रूप में जल चढ़ाएं. क्योंकि छोटी जलधारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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इस दिशा से खड़े होकर भूलकर भी न चढ़ाएं शिवलिंग पर जल, भोलेनाथ हो जाएंगे रुष्ट, नहीं मिलेगा पूजा का पूर्ण फल