जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में 26 लोग मारे गए. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस बीच जगन्नाथ मंदिर पर चर्चा हो रही है. आइये जानें कि कहानी क्या है...
हाल ही में एक चील ने रहस्यमय तरीके से जगन्नाथ मंदिर के गुंबद से लहराते पवित्र ध्वज को छीन लिया और आकाश में समुद्र की ओर उड़ गया. इसके बाद भारत में कुछ अनहोनी होने की चर्चा होने लगी थी. यह घटना 14 अप्रैल की बताई जाती है. फिर 22 अप्रैल 2025 को भारतीय कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ. जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई. मान्यता के अनुसार जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी घटनाएं भविष्य के संकेत देती हैं. आइये जानें उन संकेतों के बारे में जो बताते हैं कि भारत में कुछ बड़ा होने वाला है.
भविष्यवाणी क्या कहती है?
जगन्नाथ मंदिर से जुड़े प्रतीकों का उल्लेख पंच सखा पर आधारित पुस्तक भविष्य मलिका (एक प्राचीन उड़िया ग्रंथ है, जो संत अच्युतानंद दास द्वारा लिखा गया था) में किया गया है. इसमें अच्युतानंद दास ने कहा था कि जब मंदिर में खून गिरने लगे, झंडा टूटने लगे और गुंबद से पत्थर गिरने लगे तो समझ लीजिए कि कलियुग खत्म होने वाला है, उससे पहले बड़ा युद्ध होगा और करोड़ों लोग मारे जाएंगे. इसके बाद 1000 वर्षों तक शांति रहेगी.
मंदिर के झंडे को खतरा
जगन्नाथ मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा और चक्रवात के कारण ध्वज समुद्र में गिर जाएगा. इसके बाद बुरा वक्त शुरू हो जाएगा. मई 2019 में आए चक्रवात फानी के कारण यह घटना घटी थी. इसके बाद मई 2020 में भी यह घटना घटी थी. तब कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. कहा जाता है कि 2020 में बिजली गिरने से झंडे में आग लग गई थी. इसके बाद कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया.
जगन्नाथ पुरी मंदिर का ध्वज जलाया गया.
19 मार्च 2020 को पापनाशक एकादशी के दिन मंदिर परिसर में महादीप जलाया गया. अचानक तेज हवा के झोंके के कारण झंडा महाद्वीप की ओर उड़ गया और उसमें आग लग गई. उस समय इसे बहुत बड़ा दुर्भाग्य माना गया. पांच दिन बाद देश में पहला लॉकडाउन लागू किया गया. इसके बाद ही भारत में दूसरी लहर के दृश्य देखने को मिले, जिससे दहशत फैल गई.
मंदिर पर बैठा पक्षी था
गिद्ध मंदिर के शिखर और एक स्तंभ पर बैठेगा. ऐसा कहा जाता है कि जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर आज तक किसी पक्षी को उड़ते नहीं देखा गया है, न ही इसके आसपास कोई विमान या हेलीकॉप्टर उड़ाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि गुंबद पर कोई पक्षी नहीं बैठा है, लेकिन जुलाई 2020 और बाद में दिसंबर 2021 में मंदिर के ऊपर गिद्ध, चील और बाज देखे गए. इन पक्षियों को मंदिर के शीर्ष पर, ध्वज पर, अखंड स्तंभ पर और नीले चक्र पर बैठे देखा गया. इसके बाद देश में कोरोना वायरस से लाखों लोगों की मौत की खबरें आने लगीं.
गुंबद के पत्थर
जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुंबद से पत्थर गिरेंगे. कहा जाता है कि 1842 से अब तक जगन्नाथ पुरी से पत्थर गिरने की करीब 15 से 16 घटनाएं हो चुकी हैं.
जगन्नाथजी का अपमान
जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होता है तो मंदिर की परंपराओं में अराजकता पैदा हो जाती है. जगन्नाथ मंदिर में हर साल नवकलेवर अनुष्ठान आयोजित किया जाता है. इस अनुष्ठान में पुरानी मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. 1996 के बाद 2015 में भी इस अनुष्ठान को लेकर पुजारियों के बीच झगड़ा होने की बात कही जाती है. इसलिए समारोह में देरी हुई. ओडिशा में कई लोग इसे भगवान जगन्नाथ का अपमान और परंपरा तोड़ने का एक रूप मानते हैं. इसके बाद यहां की अव्यवस्था सबके सामने आ गई.
नीला चक्र वक्रता
तूफान के कारण जगन्नाथ मंदिर का नीला चक्र यानि सुदर्शन चक्र झुक जाएगा. यह विशाल वृत्त मई 2019 में आए चक्रवात फानी के कारण विकृत हो गया था.
त्रिदेव के वस्त्र
त्रिदेव द्वारा धारण किये गये वस्त्र को मंदिर परिसर में जलाया जाएगा. मंदिर क्षेत्र में यह घटना कई बार घटित हो चुकी है.
खून के धब्बे
जगन्नाथ मंदिर में बार-बार रक्तपात होगा, खून के धब्बे मिलेंगे. यह घटना भी घटित हुई है. मंदिर क्षेत्र में अक्सर खून के धब्बे पाए जाते हैं. कभी-कभी खून के धब्बे लड़ाई-झगड़े के कारण दिखाई देते हैं, तो कभी किसी अन्य रहस्यमय कारण से. मंदिर का कई बार शुद्धिकरण किया गया है और बड़ी संख्या में धार्मिक अनुष्ठान किये गए हैं.
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां सच हुई हैं. भारत के कुछ राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ जातीय संघर्ष के कारण राजनीतिक उथल-पुथल और सत्ता परिवर्तन होंगे. जगन्नाथ से जुड़े प्रतीकों के आधार पर जानिए भारत में क्या होगा.
1. मलाइका की कुंडली में लिखा है कि जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा तो भारत के लिए बुरा समय शुरू हो जाएगा. ढाई साल तक अराजकता रहेगी.
2. एक ओर प्राकृतिक आपदाएँ होंगी और दूसरी ओर विश्व युद्ध होगा. जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगा तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा.
3. भविष्यवाणियों के अनुसार, 2025 के बाद का समय आपदा जैसा होगा. यदि वे लोग जीवित रहेंगे तभी वे सत्य और धर्म के मार्ग पर चल सकेंगे.
4. जब गगन सिंहासन पर बैठेगा तो जगन्नाथ मंदिर समुद्र के पानी में डूब जाएगा.
3. भविष्यवाणी के अनुसार, देश पर एक संत का शासन होगा जो अविवाहित होगा. वह पूर्णतः क्षत्रप होगा.
5. जब गगन गद्दी पर होगा और उड़ीसा के राजा दिव्य सिंह गद्दी पर होंगे, तब भारत पर आक्रमण होगा.
6. रूस से सैकड़ों लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आएंगे और ढेर सारा सोना चढ़ाएंगे.
7: अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूब जायेगा. चीन कई टुकड़ों में बंट जायेगा.
8. पाकिस्तान पूरी तरह नष्ट हो जाएगा.
9. रूस एक हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा.
10. यूरोप युद्ध लड़ने के लायक नहीं होगा. वहां की जनसंख्या नगण्य होगी.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ओडिशा के राजा दिव्यसिंह गजपति गद्दी पर विराजमान हैं तथा जगन्नाथ मंदिर की गद्दी पर गगन नामक सेवक भी विराजमान है. ओडिशा में एक लोककथा है कि 2024 और 2033 के बीच दुनिया में सब कुछ बदल जाएगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए एस्ट्रोलॉजर से संपर्क करें.)
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जगन्नाथ मंदिर
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