डीएनए हिंदीः सनातन धर्म में दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. लोग रुपए पैसों से लेकर अन्न तक का दान करते हैं. अन्न दान के लिए लोग भंडारे का आयोजन (Hindu Beliefs) करते हैं. भंडारे में हजारों लोग एक साथ भोजन करते हैं. हालांकि धार्मिक मान्यताओं (Hindu Beliefs) के अनुसार, यह कहा गया है कि भंडारे का भोजन करने से पाप का भागीदार (Hindu Beliefs) बनते हैं. चलिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से जानते हैं कि भंडारे का भोजन न करने के पीछे क्या कारण (Hindu Beliefs) है.
असहाय लोगों के लिए होता है भंडारा
- भंडारे का आयोजन उन लोगों के लिए किया जाता है जो अपने लिए अन्न की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं.
- ऐसे में यदि आप सक्षम होकर भी भंडारे में भोजन करेंगे तो आप पाप के भादीदार बन जाएंगे.
- आपके भंडारे में भोजन करने से आप किसी और व्यक्ति के हिस्से का अन्न ग्रहण कर लेते हैं. जो निर्धन हो और जिसके हिस्से का यह भोजन होता है.
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- आपको कहीं पर भंडारे का भोजन करना पड़ता है तो आपको दान-पुण्य का काम करना चाहिए.
- भंडारे में भोजन करने से जीवन में असफलता और घर में अन्न की कमी का सामना करना पड़ता है. सक्षम व्यक्ति के भंडारे में भोजन करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.
भंडारे में भोजन करने के बाद अवश्य करें ये काम
आप कहीं पर भंडारे में भोजन करते हैं तो भंडारे में सेवा करनी चाहिए. आप भंडारे में अपनी क्षमता के अनुसार दान भी कर सकते हैं. ऐसे में गरीबों को भोजन कराने में मदद करने से आपको पाप नहीं लगेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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भंडारे में कभी न करें अन्न ग्रहण, जानें क्या है इसके पीछे छिपी धार्मिक मान्यताएं