डीएनए हिंदी: Hartalika Teej and Sindhara : हरतालिका तीज पर सुहागिनें पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं. वहीं विवाह योग्‍य कन्‍याएं भी मनचाहे वर की आस में इस व्रत का पारण करती हैं. तीज का व्रत सुबह शुरू होता है लेकिन इसकी पूजा शाम को होती है. 

इस त्योहार में महिलाएं सोलह सिंगार करके गौरी शंकर की पूजा अर्चना करती हैं. तीज में महिलाओं के मायके से सिंधारा (sindhara) आता है और इसमें सुहाग के चीजों के साथ कपड़े, फल-फूल और मिठाईयां होती हैं. तो चलिए आज तीज के अवसर पर आपको सिंधारे से जुड़ी जानकारी दे और इसकी पौराणिक कथा के बारे में भी जानें.

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सिंधारा क्या होता है ( What is the sindhara)
सिंधारा में कपड़े, खाने-पीने का सामान, सिंगार का सामान होता है और इसे तीज से एक दिन पहले भेजा जाता है. मायके से आने वाला ये सिंधारा एक रस्‍म होती है. मायके वाले अपनी बेटी को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं. वहीं, जिन लड़कियों की शादी तय हो गई रहती है उनके होने वाले ससुराल से सुहाग के सामान भेजे जाते हैं. इस व्रत को विवाहित स्त्रियों के अलावा लड़कियां भी रखती हैं एक अच्छे वर को पाने के लिए. यह उपवास करने से अच्छे पति की मनोकामना पूर्ण होती है.

सिंधारे में क्‍या होता है
सिंजारा या सिंधारा वह होता है जिसमें साड़ी, मेहंदी, लाख की चूड़ियां, लहरिया, अन्य श्रृंगार का सामन, मठरी, पंजीरी, मिठाई और विशेषकर गुझिया शामिल होती है.

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सिंधारा भेजने से पहले जान लें ये बात (Keep this things in Mind)
वैसे तो सिंधारे का सामान मायके से ही आता है लेकिन उसे भेजने का एक तरीका होता है. लड़की के मायके से उसका भाई, पिता या मामा इसे लेकर ससुराल आते हैं. सिंधारे में शगुन जरूर होना चाहिए. सिंधारे के सामान में माता-पिता का आर्शीवाद होता है इसलिए इसे शगुन देखकर भेजा जाता है. 

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि 30 अगस्त को 3 बजकर 33 मिनट पर समाप्त हो रही है. प्रातःकाल हरितालिका पूजा का मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 58 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक हो सकता है. शाम को पूजा का मुहूर्त: शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल में है. तीज व्रत का पारण 31 अगस्त को किया जाएगा.
 
पूजा विधि 
इस व्रत में महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं जो उनके मायके से ससुराल भेजा जाता है. इसमें स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. मिट़्टी से महिलाएं शिव परिवार को बनाती हैं और उनकी ही पूजा करती हैं. शाम को व्रत कथा सुनकर पति आरती उतारती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं. इस दौरान महिलाएं भजन व लोक नृत्य भी करती हैं. झूला झूलती हैं और कई तरह के पकवान भी बनाती हैं. तीज के व्रत के एक दिन पहले मेहंदी रचवाती हैं. 

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Hartalika Teej kb hai 29 ya 30 august , know the importance and tradition of rituals related to Sindhara
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कल है हरतालिका तीज, जानें सिंधारे का महत्व और इससे जुड़ी परंपरा
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कल है हरतालिका तीज, जानें सिंधारे का महत्व और इससे जुड़ी परंपरा

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Hartalika Teej 2022 : कल है हरतालिका तीज, जानें सिंधारे का महत्व और इससे जुड़ी परंपरा